कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है। ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नए केस इकाई में आ रहे हैं, तो 10-12 जनपदों में नए केस नहीं मिल रहे।
वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 6,019 रह गए हैं। 3,049 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। यह स्थिति संतोषप्रद है। लेकिन हमें यह समझना होगा कि वायरस कमजोर पड़ा है, समाप्त नहीं हुआ। थोड़ी सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है।
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। अब तक कुल 16 लाख 75 हजार 685 लोग कोविड संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
- बीते 24 घंटे में एक ओर जहां 02 लाख 90 हजार 234 सैम्पल टेस्ट हुए, वहीं मात्र 336 नए पॉजिटिव केस आये और 685 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए। बीते 24 घंटे में पॉजिटिविटी दर 0.1 फीसदी रही, जबकि रिकवरी दर 98.4% हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 44 लाख 36 हज़ार 119 कोविड टेस्ट हो चुके हैं।
- प्रदेश में कोविड टीकाकरण की पहली डोज प्राप्त कर चुके लोगों की संख्या 02 करोड़ से अधिक हो चुकी है, जबकि 39 लाख 11 हजार लोगों को दोनों डोज मिल चुकी है। 18 से 44 आयु वर्ग के 50 लाख 81 हजार युवाओं को वैक्सीन कवर मिल चुका है। विगत 24 घंटों में 03 लाख 64 हजार 723 लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया। इस तरह अब तक 02 करोड़ 42 लाख 57 हजार से अधिक वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
- उत्तर प्रदेश सभी तरह की परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार है। प्रदेश ऑक्सीजन जेनेरेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। कल 05 और प्लांट की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश में 441 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित की स्थापना की जा रही है। इनमें से लगातार प्रयासों से अब 100 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। प्लांट स्थापना से जुड़े कार्यों की सतत समीक्षा की जाए। इस संबंध में भारत सरकार से समन्वय बनाए रखा जाए। 50 बेड से अधिक सभी अस्पताल ऑक्सीजन की आवश्यकता के लिहाज से आत्मनिर्भर होंगी।
- प्रदेश में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों के भवन निर्माण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाए। गुणवत्ता और समयबद्धता पर फोकस रहे। 09 मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति हो चुकी है, जबकि शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इन कार्यों को यथासंभव शीघ्रता से पूरा किया जाए। 14 अन्य प्रस्तावित नए मेडिकल कॉलेजों में अगले सत्र से पठन-पाठन शुरू करने के लक्ष्य को देखते हुए आवश्यक तैयारियां समय से पूरी की जाएं।
- कोरोना प्रबंधन में निगरानी समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। गांवों में भ्रमण करते समय निगरानी समितियां यह भी सुनिश्चित करें कि कोई जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे। हर गरीब, निराश्रित और अन्य पात्र लोगों को राशन जरूर मिले।