जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनावों का दौर जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के घगवाल में रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बरसों के संघर्ष के बाद पाकिस्तान से आए रिफ्यूजियों को वोटिंग का अधिकार मिला है। सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिफ्यूजियों के बारे में सोचा।
गुपकर गैंग ने कभी नहीं चाहा कि किसी रिफ्यूजी को वोटिंग का अधिकार मिले। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोचा कि पाकिस्तान से आए लोगों को मताधिकार दिया जाना चाहिए। स्मृति ईरानी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपसे वोट मांगने आई हूं ताकि आपके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे। गुपकर गैंग वालों ने कभी आपको मताधिकार देने के बारे में नहीं सोचा। लेकिन, आज वे आपसे वोट मांगने आ रहे हैं।
The Gupkar gang did not fight to secure the right of vote to you all but are only coming forward now when they need your votes: Smriti Irani, Union Minister & BJP Leader https://t.co/UbFoau3iRk
— ANI (@ANI) December 5, 2020
बता दें कि गुपकर डिक्लरेशन के तहत जम्मू-कश्मीर की स्थानीय पार्टियों एक छाते के तहत आने का फैसला किया है। इस फैसले के लिए मीटिंग गुपकर रोड स्थित फारुख अब्दुल्ला के घर हुई थी, लिहाजा इसे गुपकर डिक्लरेशन का नाम दे दिया गया। गुपकर के तहत पार्टियों ने पहले जिला विकास परिषद का चुनाव ना लड़ने का फैसला किया था, लेकिन बाद उन्होंने चुनाव में हिस्सा लेने का ऐलान किया।
मामूली विवाद को लेकर गुरुद्वारे में दो ग्रंथी आपस में भिड़े, एक की मौत
पिछले महीने राज्य चुनाव आयोग ने 20 जिलों में जिला विकास परिषदों के लिए चुनाव और पंचायतों के लिए उपचुनाव की तारीख का ऐलान किया था, राज्य में आठ चरणों में डीडीसी के चुनाव कराए जा रहे हैं। ये चुनाव 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में होंगे। पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के निरस्त होने के बाद पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि है।
राज्य चुनाव आयोग ने पहली बार पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भी चुनावों में मताधिकार देने ऐलान किया था। राज्य के प्रत्येक जिलों में 14 डीडीसी निर्वाचन क्षेत्रों के साथ पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 280 डीडीसी की पहचान की गई है। डीडीसी का कार्यकाल पांच साल के लिए होगा।