Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

गुरु परम्परा कार्यक्रम हर हिंदू परिवारों में होना चाहिए : सीएम योगी

साहिब श्री गुरुगोविन्द सिंह के चार साहिबजादों एवं माता गुजरी की शहादत को समर्पित साहिबजादा दिवस के अवसर पर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवाणी कीर्तन का आयोजन किया गया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिख गुरुओं को नमन किया। उन्होंने राष्ट्र एवं धर्म के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि गुरु परम्परा से जुड़े कार्यक्रम प्रत्येक हिंदू परिवारों में होने चाहिए। केवल गुरुद्वारों तक ही यह कार्यक्रम सीमित न रहे। मुख्यमंत्री ने इसके लिए वृहद् कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यकाल में देश और धर्म को बचाने के लिए सिख गरुओं ने संघर्ष किया। बाबर को चुनौती देने का काम गुरुनानक जी ने ही किया। गुरुगोविन्द सिंह जी ने लेखन के माध्यम से बहुत कुछ बंया किया है। उससे हमेशा प्रेरणा मिलती रहेगी। गुरुगोविन्द जी के चारों पुत्र शहीद हुए तो उनसे कहा गया कि आपके सभी पुत्र शहीद हो गये। तब उन्होंने कहा कि चार हुए तो क्या हुआ जीवित कई हजार। उनका कहना था कि उनके चार ही नहीं बल्कि बचे हुए सभी उनकी संतान हैं। उन्होंने पूरे हिन्दुस्थान के लोगों को अपना परिवार माना।

योगी ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास पर कोई कार्यक्रम नहीं होता है। मेरा मानना है कि भारत के प्रति सम्मान व्यक्त करने और अपने इतिहास को याद करने से जुड़े कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए। यह कार्यक्रम करके सिख पंथ पर हम कोई उपकार नहीं कर रहे हैं। सिख समुदाय ने भारत की परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। सरकार उनके साथ खड़ी है। सिख इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़ा और महाराजा रणजीत सिंह ने दो टन सोने से मंदिर का छत्रप बनवाए। हमें तय करना होगा कि औरंगजेब को सम्मान देंगे या महाराजा रणजीत सिंह को। गुरु तेगबहादुर ने कश्मीरी पंडितों के लिए बलिदान दिया। दुनिया में यह कहां दिखता है। अपने परिवार, अपने समाज के लिए नहीं बल्कि दूसरें के लिए इतना बड़ा बलिदान सिख समुदाय का इतिहास है।

अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे कैप्टन अमरिंदर

गुरु परम्परा के कार्यक्रम हर हिन्दू परिवारों में होने चाहिए। ऐसे कार्यक्रम गुरुद्वारे तक ही सीमित नहीं रहने चाहिए। इससे गुरुद्वारों का इतिहास, गुरु परम्परा के इतिहास के बारे में लोगों को जानकारी मिलेगी। केन्द्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, मंत्री बलदेव सिंह औलख, सरदार परमिंदर के अलावा सिख समाज के गुरु एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

Exit mobile version