• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

कब है मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Writer D by Writer D
17/11/2024
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
0
Pradosh Vrat

Pradosh Vrat

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

प्रदोष (Pradosh) व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। शिव पुराण के अनुसार जो भी व्यक्ति प्रदोष व्रत करता उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं और मनचाहा फल मिलता है। इसके अलावा विवाहित महिलाएं सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।

कब है गुरु प्रदोष (Guru Pradosh) व्रत

वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 28 नवंबर को सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 29 नवंबर को सुबह 8 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में यह व्रत गुरुवार, 28 नवंबर को रखा जाएगा। गुरुवार के दिन होने से यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा।

प्रदोष व्रत (Guru Pradosh) पूजा शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, गुरु प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्ति यानी प्रदोष पूजा मुहूर्त शाम 5 बजकर 24 से लेकर शाम 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। ऐसे में भक्तों को पूजा करने के लिए कुल 2 घंटे 24 मिनट का समय मिलेगा।

गुरु प्रदोष (Guru Pradosh) पूजा विधि

गुरु प्रदोष के दिन सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर भगवान का स्मरण कर व्रत एवं पूजा का संकल्प लें। शाम के समय पूजा के दौरान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, फूल, धतूरा, गंगाजल, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। फिर प्रदोष की कथा पढ़ें और शिव जी की आरती करें। पूजा के दौरान शिवलिंग को गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें। अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण करके व्रत का समापन करें।

गुरू प्रदोष (Guru Pradosh) व्रत का महत्व

गुरुवार के दिन पड़ने की कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहते है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गुरु प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। साथ ही जीवन के सभी दुख और संकटों से छुटकारा मिलता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए करती हैं।

Tags: guru pradoshpradosh vrat
Previous Post

इस दिन ऑफिस में करें धूनी, व्यापार में होगी दिन दूनी-रात चौगनी तरक्की

Next Post

उत्पन्ना एकादशी के दिन इस विधि से करें पूजा, पूरी होगी सभी मानोकामनाएं

Writer D

Writer D

Related Posts

Bigg Boss 19
Main Slider

Bigg Boss 19 पर इस कंपनी ने लगाया ये बड़ा आरोप, भेजा लीगल नोटिस

25/09/2025
Kalash Yatra
उत्तर प्रदेश

1008 महिलाओं ने निकाली 5 KM लंबी कलश यात्रा, लोगों ने बरसाए फूल

25/09/2025
PM Modi
Main Slider

यूपी अब निवेश और प्रगति का नया केंद्र है: पीएम मोदी

25/09/2025
CM Yogi
Main Slider

अंत्योदय को राष्ट्रोदय में बदलने का विशिष्ट अवसर है यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शोः सीएम योगी

25/09/2025
UKPSC
Main Slider

UKPSC ने जारी किया परीक्षाओं का कैलेंडर, आधिकारिक वेबसाइट पर देखें शेड्यूल

25/09/2025
Next Post
Saphala Ekadashi

उत्पन्ना एकादशी के दिन इस विधि से करें पूजा, पूरी होगी सभी मानोकामनाएं

यह भी पढ़ें

hathras case

हाथरस केस : “नकली भाभी” को बड़ी राहत, बचाव में उतरे मेडिकल कॉलेज के डीन

12/10/2020
मेरा कोविड सेंटर My Covid Center

सीएम योगी ने लॉंन्‍च किया ‘मेरा कोविड सेंटर’ ऐप, कही ये बड़ी बात

05/12/2020
accident

सड़क किनारे खड़े पांच लोगों को रौंदते हुए खाई में पलटी तेज रफ्तार बस

17/07/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version