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कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा, नोट कर लें पूजा विधि

Guru Purnima

Guru Purnima

हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) त्योहार मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन वेद व्यास जी का जन्म हुआ था, यही कारण है कि इस दिन को वेद व्यास जी की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के दिन पूजा और व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन गुरुओं की पूजा भी की जाती है। आइए, जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा व्रत कब रखा जाएगा और इसका क्या महत्व है।

गुरु पूर्णिमा 2024 (Guru Purnima) तिथि

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को शाम 6 बजे शुरू होगी और 21 जुलाई को दोपहर 3.47 बजे समाप्त होगी।

शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा व्रत चंद्रोदय व्यापिनी पूर्णिमा तिथि को ही किया जाता है। जब पूर्णिमा रात्रि में शुरू होती है, उस दौरान व्रत और पूजन किया जाता है। 20 जुलाई को पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा और 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर दान-पुण्य और अन्य कार्य किए जाएंगे।

गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पूजा विधि

– गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि से निवृत होकर भगवान विष्णु का ध्यान करें।
– पूजा घर को साफ करें और भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और वेद व्यास जी की मूर्ति स्थापित करें।
– सबसे पहले भगवान विष्णु की मूर्ति का पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करें।
– भगवान को चंदन का तिलक लगाएं। व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और वेद व्यास जी की पूजा करें।
– इसके बाद गुरु चालीसा का पाठ करें और गुरु पूर्णिमा व्रत कथा भी पढ़ें। मिठाई, फल, फूल और खीर आदि का भोग लगाएं।
– अंत में भगवान सत्यनारायण की आरती करें।

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