• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

औरंगजेब की आततायी सोच के सामने चट्टान की तरह डटे रहे गुरु तेग बहादुर : पीएम मोदी

Writer D by Writer D
22/04/2022
in Main Slider, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (pm modi) ने सूर्यास्त के बाद पहली बार लाल किले से अपने संबोधन में कहा कि लाल किला कितने ही अहम काल-खण्डों का साक्षी रहा है। इसने गुरु तेग बहादुर (guru tegh bahadur)  की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज हमारा देश पूरी श्रद्धा के साथ अपने गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है। हमें एक ऐसा भारत बनाना है, जिसकी ताकत दुनिया को दिखे और जो दुनिया को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को लाल किले में सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व समारोह के दौरान उनके सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करने के बाद संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुगल शासक औरंगजेब के समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्म-शोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे, जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेगबहादुर के रूप में दिखी थी। औरंगजेब की आततायी सोच के सामने गुरु तेग बहादुर, ‘हिन्द दी चादर’ बनकर एक चट्टान के रूप में खड़े हो गए थे।

उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर के बलिदान ने, भारत की अनेकों पीढ़ियों को अपनी संस्कृति की मर्यादा की रक्षा के लिए, उसके मान-सम्मान के लिए जीने और मर-मिट जाने की प्रेरणा दी। बड़ी-बड़ी सत्ताएं मिट गईं, बड़े-बड़े तूफान शांत हो गए, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है और आगे बढ़ रहा है।

गुरु तेग बहादुर ने मानवता और धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया : सीएम धामी

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे इस पुण्य अवसर पर सभी दस गुरुओं के चरणों में नमन करते हैं। आगे उन्होंने कहा कि यहां लाल किले के पास ही गुरु तेगबहादुर के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब भी है! यह पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर का बलिदान कितना बड़ा था।

उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। गुरु तेगबहादुर के अनुयायी हर तरफ हुये। पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में ‘एक भारत’ के दर्शन होते हैं।

प्रधानमंत्री ने सिख समुदाय के लिए किये गये कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया। सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।

Civil Service Day: पीएम मोदी ने किया डीएम मथुरा को सम्मानित

उन्होंने आगे कहा कि श्री गुरुग्रंथ साहिब हमारे लिए आत्म-कल्याण के पथ-प्रदर्शक के साथ-साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप हैं। इसलिए, जब अफगानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया। आज भी हम पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचते हैं। हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें पूरे विश्व की प्रगति लक्ष्य का सामने रखते हैं। उन्होंने कहा कि नई सोच, सतत परिश्रम और शत प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है।

उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है। हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है। हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।

लाल किले से क्यों रहा पीएम का संबोधन?

वैसे तैयारी जितनी जोरदार थी, उसकी अहमयित उससे भी कई गुना ज्यादा है। लाल किले से इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी का ये संबोधन कोई आकस्मिक नहीं था, बल्कि इसका एक इतिहास है। इसी किले से मुगल शासक औरंगजेब ने 1675 में गुरु तेग बहादुर को फांसी देने का आदेश जारी किया था। इसी वजह से लालकिले को गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के आयोजन स्थल के रूप में चुना गया।

अब लाल क़िले ने मुग़लिया सल्तनत का स्वर्णिम युग भी देखा और मुग़लिया सल्तनत का सूरज ढलते हुए भी देखा है। इसने राजनीतिक षड्यंत्र, प्यार-मोहब्बत और शहंशाहों का अंत भी देखा है। साल 1857 की क्रांति के दौरान लाल क़िला ब्रिटिश राज के ख़िलाफ़ विद्रोह का भी गवाह बना, इसी लालकिले बहादुरशाह जफर का जलवा भी देखा। लेकिन अब आज लाल किले पर नया इतिहास बना। गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर पूरे देश को बड़ा संदेश दिया गया।

Tags: guru tegh bahadurNational newspm modired fort
Previous Post

रक्षा उत्पाद में विक्रेता-खरीदार के रिश्ते से आगे बढ़ साझेदार बने अमेरिका : राजनाथ

Next Post

फंदे से लटका मिला दो साल की मासूम और महिला का शव

Writer D

Writer D

Related Posts

Acid Attack
क्राइम

दिल्ली एसिड अटैक केस में बड़ा खुलासा: पीड़िता के पिता ने ही रची थी साजिश!

28/10/2025
A contract lineman died after being electrocuted.
Main Slider

करंट से लाइनमैन की मौत से बिजली विभाग में हड़कंप, मुख्य अभियंता ने दिये जांच के आदेश

28/10/2025
Imran Masood
नई दिल्ली

हमास तुलना पर यू-टर्न! अब इमरान मसूद बोले- भगत सिंह देश के हीरो हैं

28/10/2025
Devuthani Ekadashi
Main Slider

देवउठनी एकादशी व्रत किस दिन रखा जाएगा? जानें पूजन की विधि

28/10/2025
Hair
फैशन/शैली

घने-लंबे बालों का सपना होगा पूरा, ट्राई करें ये मैजिकल तेल

28/10/2025
Next Post
Suicide

फंदे से लटका मिला दो साल की मासूम और महिला का शव

यह भी पढ़ें

करीना करिश्मा

Kareena Kapoor Khan ने बहन Karishma संग बालकनी में करवाया फोटोशूट

28/10/2020
Pitru Paksha

पितृ पक्ष में इन तिथियों पर जरूर करें श्राद्ध कर्म, नहीं होगी धन-धान्य की कमी

04/10/2023

28 जनवरी राशिफल : आज इन 5 राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ

28/01/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version