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Gyanvapi Case: नहीं मानी गई मुस्लिम पक्ष की दलील, कोर्ट ने दी ASI सर्वे की मंजूरी

Gyanvapi

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वाराणसी। ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर वारणसी जिला कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। वुजुखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे (ASI Survey) कराने की मांग को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

हिंदू पक्ष की ओर से की गई मांग को कोर्ट ने मान लिया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद शुक्रवार को दोपहर बाद करीब 4 बजे कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

हिंदू पक्ष की ओर से विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर की वैज्ञानिक सर्वे कराने की मांग की गई थी। इस पर तीन दिनों की सुनवाई के बाद 14 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा गया था।

फैसले के संबंध में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया है।

कोर्ट के सामने हिंदू पक्ष ने दी थी यह दलील

इसी विषय पर गत सुनवाई पर हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं के द्वारा विस्तारपूर्वक जिला न्यायालय के समक्ष हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों और कई केस लॉ को रखते हुए जनपद न्यायाधीश से निवेदन किया गया था कि ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराना अपरिहार्य है, इससे हिन्दूओं में तनावपूर्ण माहौल व्याप्त है। ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर उपजे हुए तनाव का सौहार्दपूर्ण समाधान हो जाए और ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक तथ्य सबके सामने आ सके।

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ज्ञानवापी (Gyanvapi)परिसर में किस काल खंड में कौन सी संरचना से मंदिर बना था, इस विषय पर आर्कोलॉजी के विशेषज्ञ- राडार पेनिट्रेटिंग, एक्सरे पद्धति, राडार मैपिंग, स्टाइलिस्ट डेटिंग आदि पद्धति का प्रयोग कर सकते हैं। स्टाइलिस्ट डेटिंग में किसी संरचना के निर्माण शैली से उसके सदियों पुराने स्थिति का आंकलन कर पुरातत्व के विशेषज्ञ स्पष्ट व प्रमाणित कर देते हैं कि उस संरचना का कौन सा काल खण्ड है।

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