वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) विवाद मामले पर आज वाराणसी की जिला कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों तरफ की दलीलें सुनकर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह फैसला कल दोपहर 2 बजे आएगा। सीधा मतलब यह है कि जिला अदालत ने अपना आदेश इस आधार पर सुरक्षित रखा है कि इस विवाद की आगे सुनवाई की प्रक्रिया क्या हो।
दरअसल, वादी पक्ष की तरफ से जिला जज की कोर्ट से यह मांग की गई कि सर्वे के दौरान संग्रहित किए गए साक्ष्यों को कोर्ट पहले देख ले फिर आगे किसी तरह की सुनवाई करें। वहीं प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष मुकदमे की पोषणीयता पर ही सुनवाई कराना चाहती थी। जिस पर कोर्ट ने कल की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला वाराणसी कोर्ट को ट्रांसफर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत को 8 सप्ताह में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है।
इन मुद्दों पर कोर्ट में हुई सुनवाई
>> ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Masjid) में मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर केस की सुनवाई होगी।
>> एडवोकेट कमिश्नर ने ज्ञानवापी की जो सर्वे रिपोर्ट सौंपी हैं, उस पर कोर्ट बहस शुरू करवा सकता है या कोई निर्णय दे सकता है।
>> कोर्ट यह भी तय करेगा कि ज्ञानवापी मामले में उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम-1991 लागू होता है या नहीं। यानी यहां, पूजा का अधिकार दिया जा सकता है या नहीं।
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>> डीजीसी सिविल के प्रार्थना पत्र और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की आपत्ति पर सुनवाई होगी। डीजीसी सिविल ने प्रति आपत्ति दाखिल कर दी है।
वहीं, कोर्ट में सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ का बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि कोर्ट पहले यह तय करे कि यह मामला चलने लायक भी है या नहीं।
जिला जज के पास सुनवाई पूरी करने के लिए 8 हफ्ते का समय
20 मई को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने ज्ञानवापी केस (Gyanvapi Masjid) को वाराणसी जिला जज की कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने 51 मिनट चली सुनवाई में साफ शब्दों में कहा था कि मामला हमारे पास जरूर है, लेकिन पहले इसे वाराणसी जिला कोर्ट में सुना जाए।
कोर्ट ने कहा कि जिला जज 8 हफ्ते में अपनी सुनवाई पूरी करेंगे। तब तक 17 मई की सुनवाई के दौरान दिए गए निर्देश जारी रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 21 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट से ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित पत्रावली जिला जज की कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गई। बता दें कि 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में तीन बड़ी बातें कही थीं।
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पहला- शिवलिंग के दावे वाली जगह को सुरक्षित किया जाए।
दूसरा- मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से न रोका जाए।
तीसरा- सिर्फ 20 लोगों के नमाज पढ़ने वाला ऑर्डर अब लागू नहीं। यानी ये तीनों निर्देश अगले 8 हफ्तों तक लागू रहेंगे। इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा।