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भारत के इस गांव को मिला ‘सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण पुरस्कार’, देश ही नहीं विदेशी पर्यटकों को भी हैं पसंद

Hafeshwar village

Hafeshwar village

अहमदाबाद। गुजरात के छोटाउदेपुर जिले के क्वांट तालुका के “हाफेश्वर” (Hafeshwar Village)  गांव को “श्रेष्ठ ग्रामीण पर्यटन प्रतियोगिता 2024 के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। ऐसा विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा हेरिटेज श्रेणी में ये सम्मान दिया गया है। राज्य में पर्यटन स्थलों के बहुमुखी विकास के परिणाम स्वरूप गुजरात का छोटा सा हाफेश्वर गांव आज विश्व स्तर पर पर्यटन के क्षेत्र में एक विशेष स्थान हासिल कर चुका है।

10 करोड़ रुपये से विकसित किया जा रहा पर्यटन स्थल

गुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने कहा कि आज एक बार फिर छोटाउदेपुर जिले के छोटे से हफेश्वर गांव (Hafeshwar Village)  ने “कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में” का मंत्र साकार किया है। हाल ही में गुजरात पर्यटन निगम 10 करोड़ रुपये के बजट से हाफेश्वर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम चला रहा है। इस परियोजना के तहत विभिन्न पर्यटकों की सुविधा के लिए पार्किंग स्थल, वॉटर जेटी, घाट, कैफेटेरिया, गार्डन और वॉक वे का निर्माण किया जा रहा है।

छोटाउदेपुर जिले में हैं घूमने की कई जगहें

छोटाउदेपुर जिले के क्वांट तालुका में स्थित हाफेश्वर (Hafeshwar Village) गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित एक ऐसा स्थान है, जहां से नर्मदा गुजरात में प्रवेश करती है। पर्यटन मंत्री मूलूभाई बेरा ने कहा, हाफेश्वर गांव मुख्य शहर छोटाउदेपुर से लगभग 40 किमी दूर क्वांट तालुका में प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित है, जहां नर्मदा नदी सतपुड़ा और विध्यांचल पर्वतमाला के बीच से गुजरते हुए गुजरात में प्रवेश करती है।

यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो सरदार सरोवर जलग्रहण क्षेत्र में काफी हद तक नर्मदा नदी के पानी में डूबा हुआ है। वर्तमान में नाव की सवारी से केवल मंदिर का ध्वज ही देखा जा सकता है। इसलिए वर्ष 2002 में इस मंदिर की मूर्तियों को एक भव्य नए मंदिर में स्थानांतरित कर दिया गया, जो डूबे हुए मंदिर से 1।5 किमी दूर बनाया गया है।

हर साल लाखों पर्यटक आते हैं हाफेश्वर

एक अनुमान के मुताबिक, गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी-एकता नगर में आने वाले पर्यटकों में से लगभग एक लाख पर्यटक हर साल हाफेश्वर आते हैं। पर्यटक आसपास के अन्य पर्यटक आकर्षणों जैसे कडीपानी, तुरखेड़ा हिल, नखल फॉल्स और धारसीमेल फॉल्स भी देखने जाते हैं। पर्यटन मंत्री मूलूभाई बेरा ने कहा कि यह क्षेत्र आदिवासी आबादी वाला गांव होने के कारण इसकी सदियों पुरानी परंपरा और सांस्कृतिक पहचान बनी हुई है। ग्रामीण समय-समय पर आदिवासी समुदाय के मेलों का आयोजन कर अपनी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखते हैं।

पर्यटन के माध्यम से महिलाएं बन रही सशक्त

हाफेश्वर मंदिर समिति द्वारा पर्यटन के माध्यम से सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाया गया है। महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने, उनकी आर्थिक स्वतंत्रता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूहों का भी गठन किया गया है। नारियल, गुगल धूप और स्नैक्स जैसे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए गांव में विभिन्न स्थानों पर हाट शुरू किए गए हैं।

सर्वोत्तम पर्यटक गांव के चयन के लिए मानदंड

सामाजिक और ढांचागत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा श्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता शुरू की गई। इसके लिए पात्रता मानदंड में मुख्य रूप से ऐसे स्थान शामिल हैं, जिनकी जनसंख्या 25,000 से कम है। जो किसी प्रसिद्ध स्थान, पर्यटन स्थल या परिदृश्य के दायरे में स्थित हो और कृषि, हस्तशिल्प, भोजन आदि सहित पारंपरिक गतिविधियां की जाती हों। प्रतिस्पर्धा मूल्यांकन के लिए सांस्कृतिक-प्राकृतिक संसाधन, आर्थिक-सामाजिक स्थिरता, पर्यावरणीय स्थिरता, प्रशासन-पर्यटन प्राथमिकता, स्वास्थ्य, सुरक्षा-सुरक्षा, सांस्कृतिक संसाधनों का प्रचार-प्रसार, पर्यटन विकास और मूल्य श्रृंखला, एकीकरण-बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

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