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बर्बर लाठीचार्ज कर किसानों को हगकर आंदोलन खत्म कराया गया : उमा शंकर पांडे

uma shankar pandey

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ उमा शंकर पाण्डेय ने रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार के बयान को पूरी तरह झूठा और हास्यास्पद करार देते हुए कहा है कि यह बयान प्रदेश के किसानों के साथ एक और छलावा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा निर्दयतापूर्वक बागपत में रात्रि में किसानों पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की गयी और बर्बर लाठीचार्ज कर किसानों को भगाकर आंदोलन को खत्म कराया गया। जिसमें तमाम किसान गंभीर रूप से घायल हुए।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारीयों को किसानों को उनकी उपज का 72 घंटे के अंदर भुगतान कराने का निर्देश दिये था। उन्होंने कहा था कि सभी धान क्रय केंद्रों पर इसका विशेष ध्यान रखा जाये। मुख्यमंत्री ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि था कि एमएसपी के तहत धान खरीद काम को पूरी तेजी से चलाया जाये।

पाण्डेय ने कहा कि यही आदेश भाजपा सरकार ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस कप्तानों को दिया था। गाजीपुर बार्डर पर भी किसानों के आंदोलन को खत्म कराने की पूरी तैयारी थी लेकिन तमाम किसान नेताओं के संघर्ष, साहस और प्रबल विरोध के बाद यह संभव नहीं हो सका। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी तत्काल किसानों के समर्थन में आवाज उठायी और राज्य सरकार को अपने कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर होना पड़ा।

अब तक प्रदेश के 74.26 लाख किसानों के बैंक खाते में पहुंचे 1622.60 करोड़

प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली-गाजीपुर बार्डर पर केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लागू किये गये तीन काले कृषि कानूनों को वापस लिये जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर विगत 70 दिनों से इस हाड़ कंपाने वाली ठंड में आंदोलनरत अन्नदाता किसानों पर भाजपा सरकार द्वारा किये जा रहे दमन और उत्पीड़नात्मक कार्यवाही खुद ब खुद मुख्यमंत्री के किसानों के प्रति उदासीन और किसान विरोधी रवैये को उजागर करता है। उन्होने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में 14 दिनों के अन्दर गन्ना किसानों के बकाये भुगतान और भुगतान न होने की स्थिति में बकाये पर ब्याज सहित भुगतान करने का वादा किया था लेकिन राज्य सरकार के चार वर्ष बीत रहे हैं और गन्ना किसानों का अभी तक बकाया भुगतान नहीं हो पाया है।

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