आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में लोग मन्नत मांग कर बाल चढ़ाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस देवस्थान पर अपने बाल चढ़ाने से मन्नत पूरी होती है, वहीं कई लोग मन्नत पूरी होने के बाद यहां सिर के बाल चढ़ा देते हैं।
हर दिन हजारों की संख्या में दर्शन के लिए यहां आने वाले श्रृद्धालु मंदिर दर्शन से पहले अपने बाल कटवाते या मुंडवाते हैं वहीं अब इन बालों को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। जिन बालों को आप अपनी मन्नत पूरी होने पर अर्पित कर आते हैं, उन बालों की स्मलिंग चीन की जा रही हैं। असम राइफल्स ने ह्यूमन हेयर स्मलिंग का भंडाफोड़ किया है। म्यांमार के रास्ते भारत से चीन तक इन बालों की तस्करी की जा रही थी।
असम राइफल्स ने ये इंसानों के बाल की बड़ी खेप मिजोरम में पकड़ी है, जो तस्करी करके बॉर्डर क्रॉस कर म्यांमार भेजी जा रही थी। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पहली बार ऐसे दो ट्रक पकड़े गए जिनमें बोरियों में ह्यूमन हेयर भरे हुए थे। अधिकारियों के अनुसार चूंकि म्यांमार बॉर्डर खुला है और इस रास्ते कई चीजों की तस्करी होती है। जो इस ट्रक को ले जा रहे थे जब असम राइफ्स ने उन्हें गिरफ्तार किया तो उन्होंने कबूला कि वो बाल आंध्र प्रदेश के तिरुपति से मिजोरम पहुंचे और यहां से म्यांमार भेजा जा रहा था और म्यांमार से ये बाल थाइलैंड भेजे जाते हैं।
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मिजोरम में अधिकारियों ने बताया इन मानव बालों को प्रोसेसिंग के बाद विग बनाया जाता है। ये बाल चीन के पास से ही नहीं बल्कि अन्य धार्मिक स्थानों से स्मलिंग किया जाता है। चीन बाद में इन विगों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में निर्यात करता है। चीन के पास 70% वैश्विक विग बाजार है, जिसके लिए वह भारत से ज्यादातर मानव बाल प्राप्त कर रहा है। चीन द्वारा बनाए गए विग सेंट्रल एशिया और यूरोप में सप्लाई होते हैं।
यह ऑपरेशन असम राइफल्स और सीमा शुल्क विभाग, चंपई जिला की एक टीम द्वारा विशिष्ट सूचना के आधार पर किया गया था। म्यांमार बॉर्डर से सात किलोमीटर पहले पकड़ा। ट्रक में 50 किलो बाल 120 बैग में भरे थे। बरामद मानव बाल की अनुमानित कीमत 1,80,00,000 रुपए है। असम राइफल्स ने वर्षों से मिजोरम में तस्करी के खतरे से लड़ने के लिए जोर लगाया है, भारत-म्यांमार सीमा के साथ-साथ तस्करी के सांठगांठ को रोकने के लिए व्यापक रूप से एंटी-जब्ती अभियान सफल रहा है। चाइना विग रैकेट नवीनतम खतरा है जिसे असम राइफल्स ने इस क्षेत्र में तोड़ दिया है।
अधिकारियों ने बताया मिजोरम का 80 फीसदी बॉर्डर बांग्लादेश और मिजोरम से लगता है। इसमें 510 किलोमीटर एरिया म्यांमार से लगता है।मिज़ोरम ने म्यांमार के साथ अपनी सीमा का 510 किलोमीटर हिस्सा साझा किया है। सीमा खुली है और कठिन इलाके के साथ अक्सर मादक पदार्थों, हथियारों और सोने की तस्करी होती है। अब असम राइफल्स ने सीमा पर मानव बाल की तस्करी का भंडाफोड़ किया है।