बिहार विधानसभा चुनाव में खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने प्रत्याशी खड़े कर सिर्फ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को ही नहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी नुकसान पहुंचा है।
बिहार में इस बार 135 सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने वाली लोजपा ने जदयू की सभी 115 सीट के साथ भाजपा के खिलाफ भागलपुर, गोविंदगंज और रोसड़ा में अपने उम्मीदवार खड़े किये थे। इसके अलावा लोजपा ने भाजपा की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की 11 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की छह सीट पर भी उम्मीदवार उतारे थे। केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल लोजपा के बिहार में अलग रुख अपनाने के कारण जदयू को तो भारी नुकसान हुआ। उसके कारण जदयू इस बार 43 सीटों पर ही सिमट गई।
जदयू को भारी नुकसान पहुंचाने वाली लोजपा ने भाजपा, वीआईपी और हम को तीन सीट पर हराने में कोई कसर नहीं छोड़ा। भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में लोजपा के 20430 वोट काटने के कारण कांग्रेस के प्रत्याशी अजीत शर्मा चुनाव जीत गए। इस सीट पर कांग्रेस के श्री शर्मा को 65033 मत मिले वहीं भाजपा के रोहित पांडे 64083 मत लेकर मात्र 950 वोट से चुनाव हार गए।
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इसी तरह लोजपा ने वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को भी हराने में बड़ी भूमिका निभाई। सिमरी बख्तियारपुर में लोजपा प्रत्याशी संजय कुमार के 6940 वोट काट लेने के कारण श्री सहनी 1470 वोट से चुनाव हार गए। इस सीट से चुनाव जीतने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युसूफ सलाउद्दीन को 75201 मत मिले वहीं श्री साहनी 73731 मत हासिल कर सके।
वहीं, कसबा में लोजपा ने 60029 वोट प्राप्त किया और यहां हम उम्मीदवार राजेंद्र यादव को 23658 वोट मिलाे। दोनों के वोट काटने से इस सीट से कांग्रेस के अफाक आलम 77110 मत लेकर 17081 वोट के अंतर से चुनाव जीत गए।