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रवि पुष्य नक्षत्र के साथ तीन शुभ योग में मनेगी हरियाली अमावस्या

श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya)  के रूप में मनाया जाता है। इस बार हरियाली अमावस्या चार अगस्त रविवार को मनाई जाएगी। हरियाली अमावस्या सनातन धर्म में प्रकृति के संरक्षण और संबर्द्धन का प्रतीक भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पौधा रोपण करने से पितृ प्रसन्न होता है। इस वर्ष हरियाली अमावस्या रवि पुष्प योग के साथ तीन शुभ योग में मनाई जाएगी।

इस दिन किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, हालांकि यह तिथि दान-पुण्य और पूजा-पाठ के लिए अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा यह दिन पितरों के तर्पण के लिए भी विशेष होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार चार शुभ संयोग बन रहे हैं। हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) के दिन रवि पुष्य योग, सिद्धि योग, सर्वार्थसिद्धि योग, पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग एक साथ बन रहा है।

हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) का शुभ मुहूर्त

सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन होगी, जो अमावस्या (Hariyali Amavasya)  तीन अगस्त शनिवार को पड़ रही है, वहीं इस अमावस्या के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस तिथि का आरंभ दोपहर तीन बजकर 50 मिनिट से होगा। वहीं अमावस्या तिथि का समापन चार अगस्त रविवार के दिन शाम चार बजकर 42 मिनट पर होगा, उदया तिथि के अनुसार इस बार हरियाली अमावस्या चार अगस्त दिन रविवार को होगी।

स्नान दान का बहुत अधिक महत्व

हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya)  के दिन स्नान दान का बहुत अधिक महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन स्नान दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और पितर खुश होते हैं इसीलिए इस दिन दान देना बेहद शुभ माना जाता है।

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