वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहे इसके लिए महिलाएं हरियाली तीज (Hariyali Teej) का व्रत रखती हैं। हरियाली तीज का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए भी रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।
इस दिन शिव-शक्ति की विधि-विधान से पूजा की जाती है, ताकि उनका आशीर्वाद दांपत्य जीवन पर बना रहे। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में हरियाली तीज (Hariyali Teej) को धूमधाम से मनाया जाता है। इसे सावन तीज भी कहते हैं।
हरियाली तीज (Hariyali Teej) तिथि 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल हरियाली तीज (Hariyali Teej) 7 अगस्त 2024 बुधवार को मनाई जाने वाली है। सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त 2024 को रात 7:52 से शुरू होगी। इस तिथि का समापन 7 अगस्त 2024 को रात 10:05 पर होगा।
हरियाली तीज (Hariyali Teej) के दिन सुबह 6:00 बजे से लेकर 9:00 के बीच पूजा की जा सकती है। इसके बाद 12:00 बजे से लेकर 12:30 तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है। वहीं, शाम के समय 4:30 से लेकर 6:00 बजे तक पूजा की जा सकती है।
हरियाली तीज (Hariyali Teej) पूजा विधि
– हरियाली तीज (Hariyali Teej) के दिन सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर अपने मायके की ओर से आए कपड़े और श्रृंगार के समान का इस्तेमाल करती हैं।
– इसके बाद शुभ मुहूर्त में शिव-शक्ति के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
– सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें, इसके बाद माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
– इसके साथ ही देवी पार्वती को साड़ी, अक्षत, दीप, धूप, गंध आदि चढ़ाएं। वहीं, भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेलपत्र, सफेद फूल, गंध, धूप आदि समर्पित करें।
– इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनें और आरती करें। पूजा समाप्त होने के बाद सभी में प्रसाद और पंचामृत बांट दें।
हरियाली तीज (Hariyali Teej) का महत्व
बता दें कि सावन माह में ही देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी और निर्जला व्रत किया था। इसके बाद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन माता पार्वती ने कठोर तप और निर्जला व्रत से शिव जी को प्रसन्न कर लिया था। शिव जी ने इसी दिन उन्हें दर्शन दिए थे और देवी पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया था। तभी से हरियाली तीज के दिन व्रत रखा जाने लगा।