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इस तारीख को मनाई जाएगी हरियाली तीज, जानें शुभ मुहूर्त एवं महत्व

हरियाली तीज

हरियाली तीज

धर्म डेस्क। श्रावण मास का ये महीना दान पुण्य के लिए काफी अहम माना जाता है। अकेले इस एक महीने में ही कई व्रत त्यौहार आते हैं। बहुत से लोग पूरा सावन व्रत रखते हैं। कुछ लोग सिर्फ पहले आखिरी दिन, कुछ हर सोमवार तो कुछ इस एक महीने के अन्य विशेष दिनों में। सावन के महीने में हरियाली तीज भी आती है। पति की उम्र लम्बी हो इस कामना के साथ सुहागने इस हरियाली तीज पर व्रत रखती हैं। इसकी महत्ता भी करवा चौथ की तरह ही है। हरियाली तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता हैं। हरियाली तीज सावन मास का सबसे महत्वपूर्ण पर्व हैं। हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व हैं।

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं। यह पर्व प्रकृति से जुड़ने का पर्व हैं। हरियाली तीज का जब पर्व आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती हैं। हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरियाली तीज इस बार 23 जुलाई 2020 को गुरुवार को पड़ रही हैं।

हरियाली तीज पर सुहागन स्त्रियां पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं। हाथों में मेहंदी लगाती हैं, सावन मास के गीत गाती हैं। महिलाएं हरियाली तीज को एक उत्सव के तौर पर मनाती हैं।

माता पार्वती की आराधना इन मंत्रों से करने को श्रेष्ठ बताया गया है-

ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:

भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करनी उचित बताई गई है-

ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:

हरियाली तीज की पूजा की विधि

हरियाली तीज की पूजा की विधि कुछ जगहों पर अलग है। कई जगहों पर महिलाएं माता पार्वती की पूजा करने के पश्चात लाल मिट्टी से नहाती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से महिलाएं पूरी तरह से शुद्ध हो जाती हैं। कुछ जगहों पर इस दिन मेले लगते हैं और मां पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है। सुहागिनें शाम के समय माता पार्वती से अपने सुहाग के दीर्घायु होने की कामना करती हैं। इस दिन बालू के भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है और एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है। माता को श्रृंगार का समाना अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती का आवाह्न करें। माता-पार्वती, शिव जी और उनके साथ गणेश जी की पूजा करें। शिव जी को वस्त्र अर्पित करें और हरियाली तीज की कथा सुनी जाती है।

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

इस बार हरियाली तीज 23 जुलाई को मनाई जाएगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की बात करें हरियाली तीज यानी श्रावण तृतीया की तिथि 22 जुलाई को शाम 07 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी और 23 जुलाई को शाम 05 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. इस दौरान 23 की सुबह सुविधानुसार पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा।

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