हरितालिका तीज पर्व आज मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत को करती हैं। मान्यता के अनुसार, इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की अराधना से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। व्रत रखने के दौरान कुछ नियमों का पालन करना होता है। कई बार महिलाएं इसे भूल जाती हैं। जिसे व्रत करने के बाद भी उसका फल नहीं मिल पाता है। आइए जानते हैं क्या है वह नियम…
तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए। अपने गुस्से को शांत रखने के लिए महिलाएं अपने हाथों पर मेंहदी लगाती हैं। जिससे मन शांत रहता है।
शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज व्रत पूजा प्रात:काल या प्रदोषकाल दो समय पर करनी अच्छी कही जाती है।
9 सितंबर को तीज पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:03 एम से प्रारंभ होकर 8:33 एम तक रहेगा। अगर आप शाम के टाइम पूजा करना चाहते हैं तो पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:33 पीएम से 8:51 पीएम तक रहेगा। तृतीया तिथि का प्रारंभ 9 सितंबर को 2:33 एम से होगी और इसका खात्म 10 सितंबर को 12:18 एम पर होगी।
मान्यता है कि व्रत रखने वाली महिलाओं को रात को सोना नहीं चाहिए। पूरी रात जगकर महिलाओं के साथ मिलकर भजन कीर्तन करना चाहिए। अगर कोई महिला रात की नींद लेती है तो ऐसी मान्यता है कि वह अगले जन्म अजगर का जन्म लेती है।
इस दिन घर के बुजुर्गों को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उन्हें दुखी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने वाले लोगों को अशुभ फल मिलता है।
पौराणिक कथा
हरतालिका का शाब्दिक अर्थ की बात करें तो यह दो शब्दों से मिलकर बना है हरत और आलिका, हरत का अर्थ होता है अपहरण और आलिका अर्थात् सहेली, इस संबंध में एक पौराणिक कथा मिलती है जिसके अनुसार पार्वती जी की सखियां उनका अपहरण करके जंगल में ले गई थी। ताकि पार्वती जी के पिता उनका विवाह इच्छा के विरुद्ध भगवान विष्णु से न कर दें। निर्जला व्रत के दौरान अगर कोई महिला रात में दूध पी लेती है तो पुराणों के अनुसार अगला जन्म उसका सर्प का होता है।