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इन शुभ योगों में मनाई जाएगी हरतालिका तीज, अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं रखेंगी व्रत

Hartalika Teej

Hartalika Teej

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका ( Hartalika Teej) व्रत की परंपरा है। इस बार हरतालिका तीज 6 सितंबर को शुक्रवार के दिन हस्त नक्षत्र की साक्षी में आ रही है। विशेष यह है कि इस बार तीज पर पति को दीर्घायु प्रदान करने वाले शुभ योग विद्यमान रहेंगे। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार इन योग विशेष की साक्षी में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन मनोवांछित फल प्रदान करने वाला माना गया है। सौभाग्यवती महिलाओं को इस दिन यथाविधि व्रत तथा अगले दिन पारणा करना चाहिए।

27 योगों में से एक शुक्ल योग

हरतालिका तीज ( Hartalika Teej) 6 सितंबर को शुक्रवार के दिन हस्त नक्षत्र उपरांत चित्रा नक्षत्र एवं शुक्ल योग की साक्षी में आ रही है। शुक्रवार के दिन हस्त नक्षत्र की साक्षी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। वहीं 27 योगों में से एक शुक्ल योग तृतीया तिथि पर विशेष महत्वपूर्ण बताया जाता है। इस योग में हरतालिका की पूजा पति को दीर्घायु व पुत्र पौत्र की वृद्धि को देने वाली मानी जाती है।

शुक्ल योग की अधिष्ठात्री माता पार्वती

इस बार हरतालिका तीज ( Hartalika Teej) पर्व पर शुक्ल योग इसलिए विशेष भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस योग की अधिष्ठात्री माता पार्वती है। हरतालिका तीज ( Hartalika Teej) व्रत का कथासार देखें तो शिव पार्वती के संयुक्त क्रम की पूजन पौराणिक कथाओं में प्राप्त होती है।

कथा श्रवण से पति की दीर्घायु एवं परिवार में सुख शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है। जिन कन्याओं का विवाह नहीं हुआ है, उन्हें भी यह व्रत उत्तम वर की प्राप्ति हेतु करना चाहिए। इस बार हरतालिका तीज ( Hartalika Teej) त्योहार विशेष योग वाला है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन मनोवांछित फल प्रदान करने वाला माना गया है।

रवि योग भी इसी दिन

किसी भी व्रत, पर्व या त्यौहार पर यदि रवि योग की साक्षी हो तो उस व्रत का महत्व बढ़ जाता है। इस बार हरतालिका तीज पर रवि योग का महासंयोग भी बन रहा है।

बुधादित्य योग की भी साक्षी

ग्रह गोचर के आधार पर देखें तो हरतालिका तीज वाले दिन सिंह राशि पर सूर्य व बुध का परिभ्रमण रहेगा, बुध आदित्य नाम के योग का निर्माण करेगा। यह श्रेष्ठ योग व्रत, त्यौहार में अपना विशेष प्रभाव रखता है। इस योग की साक्षी व्यक्तित्व को प्रबल तथा संबंधों को प्रगाढ़ करती है। इस दृष्टि से भी यह त्योहार विशेष योग वाला है।

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