हरतालिका तीज पर आज पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखा जाएगा। भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करने से पहले कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखें। ये व्रत अविवाहित कन्याएं भी रख सकती हैं। ज्योतिर्विद श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि विधि विधान और इसके कठोर नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
भूलकर भी न करें ये काम
हरतालिका व्रत रखना शुरू कर रहे हैं, तो ये ध्यान दें कि इस व्रत को जीवनपर्यंत रखना अनिवार्य है। केवल एक स्थिति ही में इस व्रत को छोड़ा जा सकता है, जब व्रत रखने वाले गंभीर रूप से बीमार पड़ जाएं, लेकिन यहां भी ये ध्यान देना होगा, कि ऐसी स्थिति में व्रत रखने वाली महिला के पति या किसी दूसरी महिला को ये व्रत रखना होगा।
आज के दिन व्रत करने वाली महिलाएं क्रोध न करें। क्रोध करने से मन की पवित्रता का ह्रास हो जाता है। व्रत के दिन पूरी रात जागरण करके पूजा करें।
शुभ मुहूर्त
प्रातःकाल हरितालिका व्रत पूजा मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 3 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक
प्रदोषकाल हरितालिका व्रत पूजा मुहूर्त- शाम 6 बजकर 33 से रात 8 बजकर 51 मिनट तक
तृतीया तिथि प्रारंभ- 9 सितंबर 2021, रात 2 बजकर 33 मिनट से
तृतीया तिथि समाप्त- 10 सितंबर 2021 रात 12 बजकर 18 तक
पूजा विधि
हरतालिका तीज की पूजा शुभ मुहूर्त में करें। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू, रेत या काली मिट्टी की प्रतिमा बनाएं। पूजा के स्थान को फूलों से सजाएं और एक चौकी रखें।
कुंवारी कन्याएं इस विधि से करें हरतालिका तीज व्रत एवं पूजा
इस पर केले के पत्ते बिछाएं और भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार विधि से पूजन करें।
तीज की कथा
इसके बाद माता पार्वती को सुहाग की सारी वस्तुएं चढ़ाएं और भगवान शिव को धोती और अंगोछा चढ़ाएं। बाद में ये सभी चीजें किसी ब्राह्मण को दान दें। पूजा के बाद तीज की कथा सुनें और रात्रि जागरण करें।
हरतालिका तीज 2021: हरतालिका तीज में जरूर पर इन नियमों का पालन
अगले दिन सुबह आरती के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।