नई दिल्ली। किसानों बिल लोकसभा के अलावा राज्यसभा से भी रविवार को पारित हो गया है। इस बिल को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने बिल का जमकर विरोध किया, लेकिन सरकार ने ध्वनि मत के जरिए राज्यसभा में बिलों को पारित करवा लिया।
किसान बिल के पारित होने के बाद हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कोई खतरा मंडराया तो वे अपना पद छोड़ देंगे।
There is no mention of ending minimum support price (MSP) system in the #AgricultureBills passed by Parliament. I will quit my post the day any danger to the MSP system is posed: Haryana Deputy Chief Minister Dushyant Chautala (file photo) pic.twitter.com/iUnP01nVwn
— ANI (@ANI) September 20, 2020
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि संसद द्वारा पारित किसानों को लेकर बिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को समाप्त करने का कोई उल्लेख नहीं है। अगर एमएसपी सिस्टम पर कोई भी खतरा मंडराया तो मैं उसी दिन अपना पद छोड़ दूंगा।
बता दें कि हरियाणा-पंजाब जैसे राज्यों में किसानों से जुड़े बिलों के खिलाफ लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। हरियाणा के जींद जिले में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू), आढ़ती व अन्य संगठनों ने रविवार को 15 स्थानों पर नेशनल हाईवे और राज्य मार्ग को बाधित किया।
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प्रदर्शन के चलते जींद-रोहतक, जींद-पटियाला, जींद-कैथल, जींद-करनाल, जींद-सफीदों, असंध-पानीपत, जींद-हिसार मार्ग तीन घंटे तक बाधित रहे। अध्यादेशों का विरोध कर रहे प्रदर्शन कारियों ने सड़क पर बैठकर धरना दिया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। इसकी वजह से वाहन चालकों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) सांसद और मोदी सरकार में पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर के पिछले दिनों कृषि विधेयकों का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद दुष्यंत चौटाला पर भी दबाव बढ़ गया है। किसानों समेत राजनीति से जुड़े कई लोगों ने राज्य के डिप्टी सीएम चौटाला से मनोहर लाल खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने का दबाव बनाया। इस बीच, चौटाला ने पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर से मुलाकात भी की थी।