हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता के परिजनों ने प्रशासन पर धमकाने और दबाव डालने का आरोप लगाया है। एक वीडियो सामने आया है, जिसमें हाथरस के डीएम पीड़ित परिवार को धमकी देते दिख रहे हैं। हथरस के डीएम कह रहे हैं कि मीडिया वाले तो चले जाएंगे, लेकिन प्रशासन को यहीं रहना है। हाथरस के पीड़ित परिवार का कहना है कि उनको धमकाया जा रहा है। केस को रफा-दफा करने के लिए दवाब डाला जा रहा है।
वीडियो में हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार पीड़िता के परिवार से कह रहे हैं कि आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत कीजिए… मीडिया वाले आधे चले गए हैं… कल सुबह आधे निकल जाएंगे… दो-चार बचेंगे कल शाम… हम आपके साथ खड़े हैं… अब आपकी इच्छा है कि आपको बयान बदलना है या नहीं।
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पीड़िता की भाभी ने कहा कि हमसे बोला गया कि तुम्हारी लड़की अगर कोरोना से मर जाती तो मुआवजा मिल जाता क्या। हमें धमकियां मिल रही हैं। पापा को धमकाया जा रहा है। उस वक्त हालात ऐसे थे कि जो मन में आ रहा था हम लोग बोल रहे थे। अब ये लोग हमें यहां रहने नहीं देंगे।
इस बीच, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दावा किया है कि युवती के साथ रेप नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई थी। फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ जाहिर होता है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ।
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प्रशांत कुमार ने कहा कि वारदात के बाद युवती ने पुलिस को दिए बयान में भी अपने साथ बलात्कार होने की बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा कि उसने सिर्फ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। पुलिस ने हाथरस मामले में तुरंत कार्रवाई की और अब हम उन लोगों की पहचान करेंगे जिन्होंने माहौल खराब करने और प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश की।