उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बुलगढ़ी गांव में हुई दर्दनाक घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गांव में पुलिस का सख्त पहरा है। मामले की जांच के लिए एसआईटी की टीम आज गांव पहुंची है।
एसआईटी प्रमुख ने कहा कि परिजनों के आग्रह पर वह बयान लेने आए हैं। इस मामले में पीड़िता की मां और दो भाईयों के बयान लिए जा चुके हैं और कुछ सदस्यों का बयान लिया जाना बाकी है। एसआईटी की टीम के साथ एक एंबुलेंस भी गांव पहुंची है।
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एसआईटी की टीम कल भी गांव गई थी लेकिन परिजनों की खराब हालत के चलते बयान दर्ज नहीं हुए। एसआईटी की टीम को सात दिनों का वक्त दिया गया है। एसआईटी की ही प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर हाथरस के एसपी विक्रांत वीर सिंह, क्षेत्राधिकारी (CO) राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह और हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया गया। अब हाथरस के एसपी विनीत जायसवाल बनाए गए हैं।
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इसके साथ ही दोनों पक्षों (पीड़ित और आरोपी) और मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों का नार्को टेस्ट करवाए जाने का निर्देश दिया गया है। इस बीच शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।