हाथरस कांड की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की टीम शनिवार को पीड़िता के परिवार का बयान दर्ज करने के लिए पहुंची। SIT को पीड़िता के पिता का बयान लेना था, लेकिन वो नहीं ले पाई। पीड़िता के पिता बयान देने की हालत में नहीं थे। SIT की ओर से कहा गया कि हम पीड़िता के पिता का बयान दर्ज करने के लिए आए थे। वो बयान देने की हालत में नहीं थे। हम रविवार को फिर आएंगे।
इस बीच, केस की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई के हवाले कर दी गई है। इस पर एसआईटी ने कहा कि हम अपनी जांच पूरी करेंगे और रिपोर्ट सौपेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस केस की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए हैं।
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हालांकि, योगी सरकार के इस आदेश से पीड़ित परिवार संतुष्ट नहीं है। गैंगरेप पीड़िता की भाभी ने कहा कि हम सीबीआई जांच नहीं चाहते हैं। केस की न्यायिक जांच होनी चाहिए। हम जज की निगरानी में जांच चाहते हैं।
उन्होंने कहा हि हमारी दीदी को न्याय मिलना चाहिए। परिवार का कहना है कि हमने सीबीआई जांच की मांग नहीं की थी। पीड़िता के भाई ने कहा कि हमारे सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। जितनी चाहे उतनी जांच होती रहे। हमें डीएम से शिकायत है। हम खुश तब ही होंगे जब हमारे सवालों के जवाब मिलेंगे। हमारी बहन का अंतिम संस्कार ऐसे क्यों किया गया।
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वहीं, विपक्षी पार्टियां भी केस की न्यायिक जांच की मांग कर रही हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने एसआईटी जांच पर भरोसा नहीं जताया। उन्होंने कहा था कि हाथरस जघन्य गैंगरेप कांड को लेकर पूरे देश में जबरदस्त आक्रोश है, इसकी शुरूआती आई जांच रिपोर्ट से जनता संतुष्ट नहीं लगती है। अतः इस मामले की CBI से या फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए।