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हाथरस गैंगरेप केस: पीड़िता का भाई बोला- मुझे यूपी पुलिस पर भरोसा नहीं

हाथरस केस Hathras case

हाथरस केस

नई दिल्ली। हाथरस गैंगरेप केस में सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसके बाद पीड़िता का भाई भावुक हो गया। उसने कोर्ट के बाहर कहा अभी तो आधी जीत हुई है, पूरी जीत तो तब होगी जब आरोपियों पर कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। यूपी पुलिस पर उसने एक बार फिर कई आरोप लगाए हैं।  कहा अभी भी उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है।

पीड़िता के भाई ने सीबीआई जांच पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि अब तसल्ली महसूस हो रही है। ऐसा लग रहा है कि उनकी व बहन की पुकार को सुना जा रहा है। भाई ने बताया कि कोर्ट में सीबीआई या कोर्ट की ओर से उनसे कुछ नहीं पूछा गया। घटना के बाद से परिवार पर ही ऑनर किलिंग के आरोप पर उनका कहना था कि उन सब आरोपों के जवाब सीबीआई जांच में मिल चुके हैं।

पीड़िता के भाई ने यूपी पुलिस पर फिर आरोप लगाया है। पहले ही दिन से यूपी पुलिस का रवैया ठीक नहीं था। जब बहन घायल पड़ी थी तब भी वह अपने आप अस्पताल लेकर नहीं गए। जब उन्होंने पुलिस से कहा, तब उसे लेकर अस्पताल गए। भाई ने यह भी कहा कि आरोपियों का पुलिस कहीं न कहीं साथ दे रही थी। गांव वालों के बारे में बड़े भाई का कहना था कि उन्हें नहीं लगता कि गांव वाले उनका साथ देंगे।

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बहुचर्चित हाथरस मामले में जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को चारों ही आरोपियों के खिलाफ हाथरस की एससीएसटी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। करीब दो हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट में हत्या, गैंगरेप व दलित उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मामले की अगली सुनवाई आगामी चार जनवरी को होगी। आरोप पत्र दाखिल करते समय पीड़िता का बड़ा भाई अपनी पत्नी के साथ कोर्ट में मौजूद रहा।

 

हाथरस जिले के कोतवाली चंदपा के गांव बूलगढ़ी में 14 सितंबर को एक दलित युवती के साथ गैंगरेप की वारदात हुई। उसकी जान लेने की कोशिश हुई। पीड़िता के भाई की तहरीर के आधार पर पुलिस ने गांव के ही संदीप ठाकुर के खिलाफ जानलेवा हमला और छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान पीड़िता ने अपने बयान में दुष्कर्म की बात कही। उसी आधार पर पुलिस ने संदीप, रवि, लवकुश और रामू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 29 सितम्बर को दिल्ली में पीड़िता की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। रात को गांव में उसका अंतिम संस्कार हुआ। उसे लेकर खूब बवाल हुआ था।

परिजनों ने पुलिस पर जबरन अंतिम संस्कार कराने का आरोप लगाया। इसी मामले को लेकर एसपी, सीओ सहित पांच पुलिस कर्मी निलंबित हुए थे। प्रदेश सरकार ने इस मामले में एसआईटी गठित की। एसआईटी ने 17 दिन जांच की। इस बीच 11 अक्तूबर को सीबीआई मामले की जांच करने के लिए हाथरस आ गई। सीबीआई ने सीओ सादाबाद और चंदपा कोतवाली जाकर इस मुकदमे से जुड़े कागजात एकत्रित किए और उसके बाद अपनी जांच पड़ताल शुरू कर दी। सीबीआई ने इस केस को सुलझाने के लिए चारों आरोपियों के पॉलीग्राफ टेस्ट कराए। क्राइम सीन रिक्रियट किया। बीते बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 18 दिसम्बर को आरोप पत्र दाखिल करने की बात कही।

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