हाथरस। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार की त्रिस्तरीय सुरक्षा दी गई है। परिवार के सभी सदस्यों और घर के इर्द-गिर्द को ट्रिपल लेयर सुरक्षा घेरा तैयार किया जा रहा है।
बुधवार को पीड़िता के घर के बाहर मेटल डिटेक्टर और कुछ स्थानों पर सीसी कैमरे लगाए गए है। सीसी कैमरे लगाने के लिए अधिकारियों ने पीड़िता के परिवार से सहमति ली है। हाथरस के एसडीएम ने बताया कि परिवार को ट्रिपल लेयर सुरक्षा दी गई है। साथ ही आज मेटल डिटेक्टर लगाए जा रहे हैं। परिवार की सहमति के बाद कुछ जगह पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं।
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हाथरस कांड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दावा है कि उत्तर प्रदेश में दंगा भड़काने के लिए मॉरिशस से 50 करोड़ की फंडिंग की गई है। इस खुलासे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम किसी की भी साजिश को सफल नहीं होने देंगे। हम किसी के भरोसे के साथ किसी को भी खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं देंगे।
सूत्रों के अनुसार ईडी की शुरुआती जांच में पता चला है कि हाथरस कांड की आड़ में जातीय हिंसा फैलाने के लिए मॉरीशस से 50 करोड़ रुपए की फंडिंग की गई है। बताया जा रहा है कि इसके अलावा और भी फंडिंग की गई है जो 100 करोड़ से अधिक रुपए की थी। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है।
ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक, हाथरस की पुलिस ने एक वेबसाइट को लेकर केस दर्ज किया है। इसके बाद एजेंसी इसमें जांच का एंगल देखेगी। इस वेबसाइट के जरिए ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ के लिए मुहिम चलाई गई। सूत्रों का कहना है कि ऐसे में ईडी जल्द ही PMLA के तहत इसमें मामला दर्ज कर फंडिंग पर जांच शुरू कर सकती है। साथ ही जल्द ही कई गिरफ्तारियां देखने को मिल सकती हैं।
बता दें कि यूपी के हाथरस में बीते 14 सितंबर को एक दलित युवती का गैंगरेप हुआ था, जिसके बाद दिल्ली में 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। मौत के बाद जिस तरह यूपी पुलिस ने युवती का अंतिम संस्कार अनन-फानन में रात के अंधेरे में ही कर दिया, उस पर काफी विवाद हुआ। राजनीतिक दलों से लेकर कई सामाजिक संगठनों ने यूपी सरकार पर सवाल खड़े किए।