हाथरस। यूपी का चर्चित हाथरस गैंगरेप कांड (Hathras Gangrape Case) में गुरुवार को ढाई साल बाद SC-ST कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने 4 आरोपियों में से सिर्फ एक संदीप सिसौदिया को दोषी माना है। जबकि 3 आरोपियों लवकुश, रामू उर्फ रामकुमार और रवि उर्फ रविंद्र सिंह को बरी कर दिया। अदालत ने संदीप को गैर इरादतन हत्या (धारा-304) और SC/ST एक्ट में दोषी माना है। संदीप को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
4 आरोपियों में से किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। वहीं, पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा है, ”वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।” इससे पहले, गुरुवार सुबह चारों आरोपियों को पेशी पर कोर्ट लाया गया था। फैसले को देखते हुए कोर्ट में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था।
यह था मामला
हाथरस के चंदपा इलाके के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को अनुसूचित जाति की एक युवती के साथ दरिंदगी हुई थी। गांव के ही चार युवकों ने दुष्कर्म किया था और उसकी गला दबाकर हत्या करने का प्रयास किया था। 29 सितंबर 2020 में युवती ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर चारों अभियुक्त संदीप, रवि, रामू व लवकुश को गिरफ्तार कर लिया था।
हाथरस रेप केस में एक दोषी, 3 बरी, पीड़िता के वकील बोले-हाईकोर्ट जाएंगे
मामले की विवेचना सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने चारों अभियुक्तों संदीप, रवि, रामू व लवकुश के खिलाफ आरोपत्र विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) के न्यायालय में दाखिल किया था। सीबीआई ने आरोप पत्र धारा 302, 376 ए, 376 डी, व एससी-एसीटी एक्ट के तहत दाखिल किया था। सीबीआई ने 67 दिनों तक विवेचना की।