हाथरस। हाथरस गैंगरेप पीड़िता का शव जब गांव पहुंचा, तो परिजनों ने पुलिस से शव के अंतिम दर्शन करने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी। परिजनों का आरोप है कि जब एक बुजुर्ग व्यक्ति शव का चेहरा देखने की जिद की तो पुलिस ने उसकी छाती पर पैर दे मारा।
पीड़िता के परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने शव देखा ही नहीं तो यह कैसे यकीन करें कि शव पीड़िता का ही था। इसके अलावा परिजनों का आरोप यह भी है कि पुलिस ने बिना किसी रीति-रिवाज के आनन-फानन में शव को जला दिया। उसके अंतिम संस्कार में परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ।
हाथरस गैंगरेप : पीड़िता के अंतिम संस्कार से भड़के लोग, पुलिस पर पथराव, लाठीचार्ज, बाइक फूंकी
गैंगरेप पीड़िता के चाचा ने बताया पुलिस दबाव बना रही थी कि शव का अंतिम संस्कार कर दें। जबकि बेटी के मां-बाप और भाई कोई भी यहां मौजूद नहीं है, वे लोग दिल्ली में ही हैं और अभी पहुंचे भी नहीं हैं। रात में अंतिम संस्कार न करने और परिवार का इंतजार करने की बात कहने पर पुलिस ने कहा कि अगर नहीं करोगे तो हम खुद कर देंगे।
जबकि हाथरस के डीएम ने बताया कि रात को करीब 12:45 बजे पीड़िता का शव लाया गया। मेरी पीड़िता के पिता और भाई से बात हुई थी और उन्होंने सहमति दी थी कि रात को ही अंतिम संस्कार कर दिया जाए। करीब एक से सवा घंटे शव वाहन इनके घर पर खड़ा रहा और अंतिम संस्कार के दौरान परिजन वहां पर उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि करीब 3 बजे पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया।
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सीएम योगी ने तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एसआईटी गठित करने का ऐलान किया है। गृह सचिव की अध्यक्षता वाली इस तीन सदस्यीय टीम में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम को सदस्य बनाया गया है। सीएम ने पूरे घटनाक्रम पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए टीम को घटना की तह तक जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समयबद्ध ढंग से जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए हैं।