उत्तर प्रदेश की कान्हा नगरी मथुरा में आयोजित एक सभा में श्री कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए संतो और हिन्दु अनुयायियों को संकल्प दिलाया गया।
मुख्य वक्ता सुदर्शन प्रखर राष्ट्रवादी हिन्दू सुरेश चह्वाणके ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्त कराने के लिए साम,दाम,दंड,भेद चारों नीति अपना कर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना होगा। अपने अन्दर से हजारों वर्षों की गुलामी निकालकर अपने धर्म की रक्षा में प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार रहना होगा। संकल्प से ही सफलता मिलती है यदि यहां उपस्थित लोग सच्चे मन से संकल्प लेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
शनिवार को आयोजित इस सभा में वीतराग स्वामी गोविन्दानन्द तीर्थ महाराजने कहा कि हिन्दुओं को अपनी वोट की शक्ति को अपने हित में प्रयोग करना चाहिए, तभी ऐतिहासिक कलंकों को मिटाया जा सकता हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति काजो संकल्प संतों के सानिध्य में लिया गया है,वह जल्द ही पूर्ण होगा।
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अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक कृष्णचन्द्र ठाकुर ने कहा कि सत्य की और धर्म की हमेशा विजय होती है,श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति अब होकर रहेगी क्योंकि ब्रज से इसका शंखनाद कर दिया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनके नेतृत्व में एक याचिका मथुरा की अदालत में दाखिल की गयी है, जिसे अदालत ने पूर्ण सम्मान के साथ स्वीकार भी किया है। आंदोलन समिति के अध्यक्ष की हैसियत से उन्होंने श्रीकृष्णजन्मभूमि के इतिहास पर प्रकाश डाला और सभी संतों और हिन्दुओं से श्रीकृष्णजन्मभूमि आंदोलन को सफल बनाने की अपील की ।
कार्यक्रम में राजुल माहेश्वरी , स्वामीसत्यमित्रानंद , महामंडलेश्वर स्वामी चित्रप्रकाशानंद महाराज ,महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज , महामंडलेश्वर स्वामी रूद्रदेवानंद महाराज ,स्वामी डॉ आदित्यानंद महाराज, स्वामी वेदानंद महाराज समेत एक दर्जन महामंडलेश्वरों, समाजसेवियों, विभिन्नसंस्थाओं से जुड़े लोगो ने भाग लिया और संकल्प लेकर आंदोलन को सफल बनानेका संकल्प लिया।