अनहेल्दी लाइफस्टाइल, मोटापा और खाने-पीने की लापरवाही Diabetes के खतरे को बढ़ा देती है। यह तो हम सभी जानते है लेकिन अगर हम आपसे कहे कि घर और ऑफिस में चमकने वाली लाइट्स भी डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन सकती है तो आप जरुर सोच में पड़ जाएंगे की ये कैसे हो सकता है। दरअसल, इसका खुलासा चीन में की गई एक हालिया स्टडी में हुआ है। इस स्टडी में डायबिटीज (Diabetes) को लेकर जो बातें सामने आई हैं, वह काफी हैरान करने वाली हैं। डायबिटीज को लेकर यह रिसर्च शंघाई की जिआतोंग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने की है। करीब 98000 लोगों का डाटा एनालिसिस करने के बाद इस स्टडी की रिपोर्ट तैयार की गई है।
मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एक हालिया रिसर्च में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि रात के वक्त आर्टिफिशियल लाइट के ज्यादा संपर्क में रहने वाले लोगों को डायबिटीज (Diabetes) का खतरा अन्य लोगों की अपेक्षा 28% तक बढ़ जाता है। रिसर्च में आउटडोर आर्टिफिशियल लाइट और डायबिटीज का कनेक्शन सामने आया है।
रिसर्च में यह बात सामने आई है कि रात के वक्त स्ट्रीट लाइट्स, पार्किंग लॉट लाइट्स, वाहनों की हेड लाइट, घर और ऑफिसों के बाहर इस्तेमाल की जाने वाली लाइट से पॉल्यूशन बढ़ जाता है। आर्टिफिशियल लाइट की वजह से आसमान ग्लो करने लगता है और पॉल्यूशन की एक परत बन जाती है। इससे आसमान के तारे साफ नजर नहीं आते। जिसकी वजह से नेचुरल इको सिस्टम बिगड़ जाता है।
शहरों में गांव की अपेक्षा लाइट से होने वाला पॉल्यूशन अधिक होता है जिसके कारण शहरी लोगों को डायबिटीज होने का खतरा भी ज्यादा रहता है। दुनिया की करीब 80% आबादी लाइट पॉल्यूशन के साए में रहती है। अमेरिका और यूरोप की करीब 99% आबादी लाइट पॉल्यूशन का शिकार हो रही है, जिससे कई बीमारियां हो रही हैं।
इससे पहले भी कई स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि लाइट पॉल्यूशन की वजह से हमारी मेंटल हेल्थ पर कई बुरे प्रभाव पड़ते हैं। रात में जलने वाली लाइट की वजह से बड़ी संख्या में लोग मूड और एंजायटी डिसऑर्डर, मोटापा, नींद ना आने की समस्या का शिकार हो रहे हैं। कई स्टडी में सामने आया है कि इन लाइट्स से कैंसर का खतरा भी बढ़ रहा है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि रात के वक्त लाइट के संपर्क में अधि रहना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।