आगरा स्थित श्री पारस अस्पताल को आखिर सील कर दिया गया। साथ ही अस्पताल का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पूरे अस्पताल को सील कर दिया। अब अस्पताल का लाइसेंस निरस्त रहने के साथ ही आगे की जांच जारी रहेगी।
अस्पताल को सील करने के साथ ही वहां मौजूद 55 मरीजों को अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं अभी तक अस्पताल के संचालक डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं किए जाने को लेकर लोगों में रोष है। गौरलब है कि पारस अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ऑक्सीजन संकट के दौरान अस्पताल में मॉक ड्रिल किया गया, इस दौरान 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी गई। इससे 22 गंभीर मरीजों की मौत की बात सामने आ रही है।
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इसे बाद मंगलवार को आगरा जिलाधिकारी ने भी अस्पताल को सील करने के आदेश जारी कर दिए थे और अस्पताल संचालक के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। प्रमुख सचिव गृह ने भी मामले में अस्पताल मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
अस्पताल को सील करने के बाद आगरा के एडिशनल सीएमओ ने कहा कि अस्पताल के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है। जांच करने के लिए एक कमेटी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि अस्पताल को सील कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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जो वीडियो वायरल हुआ है वो 26/27 अप्रैल को सामने आए ऑक्सीजन संकट के संदर्भ में है। सरकारी रिकॉर्ड में 26 अप्रैल को श्री पारस हॉस्पिटल में चार कोरोना मरीजों की मौत दर्ज है। इससे पहले डीएम प्रभु नारायण सिंह ने कहा था कि 26 और 27 अप्रैल को ऑक्सीजन की कमी हुई थी। लेकिन पूरी रात स्वास्थ्य महकमे के साथ प्रशासन की टीम अस्पतालों को ऑक्सीजन पहुंचाती रही। उन्होंने कहा था कि 26 अप्रैल को श्री पारस हॉस्पिटल में कोरोना के 97 मरीज भर्ती थे जिनमें से चार की मौत हो गई थी। मामले में योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस मामले को जघन्य अपराध बताते हुए कार्रवाई की बात कही थी।