देहरादून। चार धाम यात्रा (Chardham Yatra) को लेकर बुधवार को उत्तराखंड सरकार हरकत में नजर आई। इसको लेकर आज देहरादून में दोपहर बाद एक के एक लगातार कई बैठकें हुईं। इनमें से अधिकांश बैठकें की अध्यक्षता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) के निर्देश पर आज उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने चार धाम यात्रियों के स्वास्थ्य के लिये हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत ही यात्रा ( Char Dham Yatra) प्रारंभ करें।
श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नंबर एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाइयां अपने साथ रखें। अति वृद्ध एवं बीमार व्यक्तियों एवं पूर्व में कोविड से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यात्रा पर न जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करने के लिए कहा गया है। तीर्थस्थल पर पहुंचने से पूर्व मार्ग में एक दिन का विश्राम करना चाहिए।
श्रद्धालुओं से कहा गया है कि गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें। हृदय रोग, श्वांस रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतें। यदि किन्ही यात्री को यात्रा के दौरान सिर दर्द, चक्कर, घबराहट, दिल की धड़कन तेज, उल्टी, हाथ-पांव व होठों नीला हो जाए, थकान हो, सांस फूलने लगे, खांसी आदि कोई तकलीफ हो तो तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे एवं 104 हेल्पलाइन नंबर पर सम्पर्क करें।
सुरक्षित चार धाम यात्रा के लिए पहले सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करें: मुख्य सचिव
यात्रियों की निर्देश दिए गए हैं कि वे यात्रा के दौरान धूम्रपान और अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें। साथ ही सनस्क्रीन एसपीएफ 50 का उपयोग अपनी त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए करें। यूवी किरणों से अपनी आंखों के बचाव के लिए सन ग्लासेस का उपयोग करें।
यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और भूखे पेट ना रहें। लंबी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम से बचें। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए 104 एवं एंबुलेंस के लिए 108 हेल्पलाइन नंबर पर सम्पर्क करें।
गौरतलब है कि चार धाम यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। इनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। उन स्थानों में यात्रीगण अत्यधिक ठण्ड, कम आर्द्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं। सभी तीर्थ यात्रियों के सुगम एवं सुरक्षित यात्रा के लिए सरकार की ओर से दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।