नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भारतीय सेना की 17 महिला अफसरों की याचिका पर सुनवाई होनी है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद सरकार ने अभी तक 50 फीसदी महिला अफसरों को भी स्थायी कमीशन नहीं दिया है।
लेफ्टिनेंट कर्नल आशु यादव और थल सेना की अन्य महिला अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि शीर्ष न्यायालय के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन नहीं किया गया। उन्होंने याचिका में आरोप लगाया कि स्थायी कमीशन प्रदान करने की प्रक्रियाएं मनमानेपन, गैर निष्पक्षता और अतर्कसंगत से दूषित हुई हैं। याचिका पर न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा आज सुनवाई किया जाना है।
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याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि याचिका दायर करने का उद्देश्य स्थायी कमीशन, पदोन्नति, अन्य लाभ पाने की राह में शेष अड़चनों को उजागर करना है। उन्होंने अपना वाजिब हक प्राप्त करने के लिए 15 साल से अधिक लंबी लड़ाई लड़ी थी और जीत हासिल की थी। बता दें कि पिछले साल 17 फरवरी को शीर्ष न्यायालय ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में निर्देश दिया था कि थल सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाए। न्यायालय ने महिला अधिकारियों की शारीरिक आधार पर केंद्र के रुख को खारिज करते हुए उसे लैंगिक भेदभाव करने वाला करार दिया था।