नई दिल्ली| कोरोना महमारी का सबसे बुरा असर छोटी कंपनियों की बिक्री पर पड़ा है। केयर रेटिंग की ओर से शेयर बाजार में सूचीबढ़ 1686 कंपनियों पर किए गए अध्यन में पता चला है कि अप्रैल से जून, 2020 तिमाही के दौरान 747 कंपनियों का कारोबार 25 करोड़ रुपये से कम है। पिछले साल की सामान अवधि के मुकाबले उनके कारोबार में 67 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।
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केयर रेटिंग के मुख्य अर्थशास्त्री सुशांत हेड ने 1686 कंपनियों पर कोरोना और लॉकडाउन के असर का आकलन किया है। उनमें से 747 कंपनियों का कारोबार 25 करोड़ रुपये से कम रहा है। इन कंपनियों के उत्पादों की बिक्री अप्रैल से जून तिमाही के दौरान 67 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
कोरोना महामारी और लॉकडाउन का असर सिर्फ भारत की छोटी कंपनियों पर ही नहीं हुआ है। यह ट्रेंड पूरी दुनिया में देखने को मिला है। मैकेंजी की रिपोर्ट के अनुसार, आवास, भोजन, शिक्षा जैसे क्षेत्र में काम करने वाली छोटी कंपनियां बंद हो जाएंगी। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग और उपभोक्ता के व्यवहार में बदलाव आने के कारण होगा।
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विशेषज्ञों का कहना है कि छोटी कंपनियां माल की आपूर्ति के लिए बड़ी कंपनियों पर आश्रित हैं। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण सप्लाई चेन बाधित हुई है। इसके कारण उनका उत्पादन में बडी गिरावट आई है। यह संकट 100 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियों पर ज्यादा देखने को मिल रहा है।