बौद्ध देशों के पर्यटकों की सुविधा के लिए कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बौद्ध तीर्थ स्थली श्रावस्ती व लुंबनी (नेपाल) के लिए हेलिकॉप्टर व चार्टर प्लेन सेवा शुरू होगी। इसके लिए लुंबनी के नजदीक श्रावस्ती में राज्य सरकार 1525 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़े रन-वे का निर्माण करा रही है।
कुशीनगर स्थित महापरिनिर्वाण मन्दिर में बुद्ध की पांचवी सदी की शयनमुद्रा वाली प्रतिमा व मुकुटबन्धन स्तूप समेत अनेक बुद्धकालीन स्मारक व धरोहर के दर्शन पूजन के लिए बौद्ध देश थाईलैंड, जापान, श्रीलंका, म्यांमार, ताइवान, सिंगापुर, मलेशिया, भूटान आदि देशों के श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालु व पर्यटक यहां से बुद्ध की जन्मस्थली लुंबनी, श्रावस्ती व कपिलवस्तु भी जाते हैं।
सुशांत केस: सिद्धार्थ पिठानी को मिली अंतरिम जमानत, 5 दिन बाद करना होगा सरेंडर
तीनों स्थल कुशीनगर से 250-300 किमी की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग से इन स्थलों पर आने-जाने में पर्यटकों का दो दिन का समय लग जाता है। इस कारण वीआईपी पर्यटक समयाभाव के कारण कुशीनगर से ही वापस लौट जाते हैं। विशेषकर वृद्ध व बीमार पर्यटक चाह कर भी सड़क मार्ग से इन स्थलों की यात्रा नही कर पाते थे।
हेलिकॉप्टर व चार्टर प्लेन सेवा शुरू होने से वीआईपी पर्यटकों का समय बचेगा, साथ ही बृद्ध व बीमार पर्यटक की यात्रा सुलभ होगी। हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाता कम्पनी पवन हंस ने कई साल से उड़ान की योजना तैयार कर रखी है। कम्पनी का दल सर्वे भी आया था। बौद्ध सर्किट में हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए खुद तत्कालीन पर्यटन व संस्कृति मंत्री डाॅ. महेश शर्मा ने 25 सितम्बर, 15 को नई दिल्ली में केंद्र सरकार के 12 महत्वपूर्ण मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी।
‘बबीता जी’ को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, सभी मामलों की कार्यवाही पर लगी रोक
एयरपोर्ट निदेशक कुशीनगर व नोडल अधिकारी श्रावस्ती एके द्विवेदी ने बताया कि श्रावस्ती में रन-वे का कार्य हो चुका है। शेष कार्य पूरे होने के करीब है। श्रावस्ती बौद्ध सर्किट का महत्वपूर्ण अंग है। ऐसे में चार्टर प्लेन व हेलिकॉप्टर सेवा शुरू होने का पूरा पूरा स्कोप है।