पिछले कुछ महीनों से पूरे देश को कोविड़ की दूसरी लहर ने झकझोर कर रख दिया। जहां हर कोई घर पर बैठ कर खुद को सुरक्षित कर रहा था वहीं दूसरी ओर गरीबों के लिए वरदान के रूप में आई ‘विशालाक्षी फाउंडेशन’ ने दूसरों की मुसीबतों को अपने सर उठाने का काम किया। बता दे इस वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में लोगों को ऑक्सीजन, हॉस्पिटल बैड, प्लाज्मा, दवाओं की लगातार कमी हो रही थी। लेकिन इस बीच ‘विशालाक्षी फाउंडेशन’ के युवा कार्यकर्ताओं ने लोगों को ये सारी सुविधाओं को मुहैया कराने में अपना भरपूर योगदान दिया। उन्होंने ना दिन देखा ना रात सभी को निस्वार्थ भाव से मदद करने का जिम्मा उठा लिया। बता दे ‘विशालाक्षी’ ने सत्यापित रिसोर्सेज से जोड़ कर 300 से अधिक जाने बचाई। ये सब कुछ उन्होंने डिजिटल माध्यम से ही शुरू किया। पहले उन्होंने सेंकड़ों युवा कार्यकर्ताओं ने खुद को जोड़ा और देश के विभिन्न शहरों तक जरुरतमंद लोगों तक सत्यापित जानकारी पहुंचाई इसके साथ ही साथ जरूरतमंद लोगों के लिए मुफ्त ऑक्सीजन भी उपलब्ध कराए गए।
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इतना ही नहीं देश मे लॉकडाउन के एलान होते ही गुडगाँव मे संस्था के संस्थापक निलय अग्रवाल द्वारा प्रोजेक्ट हंगर मुहीम के अंतर्गत पिछले एक माह से खाद्य सामग्री बाटी जा रही है। ये सुविधा गरीब दिहाड़ी मजदूर और मलिन बस्तियों में रहने वालों तक प्रतिदिन 500 पैकेट का भोजन, छोटे गरीब शिशुओं के लिए प्रतिदिन 50 दुध के पैकेट और जरूरतमंदों तक राशन भी पहुंचाया जारा है। आज लॉकडाउन के एक महीने बाद संस्था ने 15000 से अधिक फूड पैकेट, 800 से अधिक राशन किट, और 850 दुध की थैलिया वितरित कर चुकी हैं। फाउंडेशन के युवा कार्यकर्ता लखनऊ में पिछले 1 माह से प्रतिदिन जरूरतमंदो को राशन और भोजन के पैकेट के साथ-साथ कोविड़ केयर किट एवं विटामिन सी, पैरासीतामोल जैसी अवश्यक दवाएँ भी बाट रहें हैं। संस्था के कार्यकर्ता लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों जैसे चारबाग, ऐशबाघ, नाका, गोमती नगर, विकास नगर, महानगर, परिवर्तन चौक, मुंशीपुलिया, इत्यादि में पहुचा रहे राहत संस्था के कार्यकर्ता अलिंद अग्रवाल, ओम, राजवीर, अवि, परमानंद, अनंत, अरुणरेंदृ, आस्था, विनय, एनी, निकिता, देविका आदि दे रहे बहुमूल्य सहयोग।