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शपथ ग्रहण के बाद एक्शन मोड में हेमंत सोरेन, पहले ही दिन कर डाले कई बड़े फैसले

Hemant Soren

Hemant Soren

रांची। हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने गुरुवार शाम झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ही सोरेन एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। सोरेन ने ऐलान किया कि मंईयां सम्मान योजना के तहत प्रत्येक महिला लाभार्थी के बैंक खाते में अब 2,500 रुपये हर महीने जमा किए जाएंगे। अब तक सरकार इस योजना के तहत 18-50 साल की महिलाओं को 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती थी। जिसे बढ़ाकर अब 2500 रूपये कर दिया गया है।

हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा हमने पहले ही निर्णय लिया था कि दिसंबर से इस योजना के तहत प्रत्येक महिला लाभार्थी को 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। अब दिसंबर से हर महीने महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में यह राशि जमा की जायेगी। बता दें कि इसकी घोषणा करते वक्त सोरेन ने कहा कि यह फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया, लेकिन दिन में किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली।

चुनाव से पहले शुरू की गई थी योजना

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली सरकार ने इस साल चुनाव से ठीक पहले अगस्त महीने में इस योजना की शुरूआत की थी। इस योजना से प्रदेश की 50 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ मिलता है। राजनीतिक पंडितों की माने तो चुनाव में INDIA गठबंधन की जीत की वजह यही योजना रही है।

सोरेन ने केंद्र से मांग राज्य के 1.36 लाख करोड़

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने केंद्र सरकार से बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये रिलीज करने की मांग की है।राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 2005 से राज्य के खनिजों पर कुल 1,36,000 करोड़ रुपए की रॉयल्टी की मांग की है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ ने कहा था कि खनिज की रॉयल्टी पर राज्य का ही अधिकार है। सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार कोयला की बकाया राशि वसूलने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ कानूनी कदम उठाएगी।

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सोरेन ने अपनी पहली बैठक के निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, असम में झारखंड की जनजातियों को हाशिए पर रखा जा रहा है। वहां बड़ी संख्या में झारखंड के मूल निवासी रह रहे हैं। हमने निर्णय लिया है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वहां की जमीनी स्थिति का अध्ययन करेगा। प्रतिनिधिमंडल झारखंड सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बांग्लादेश से मुसलमानों की कथित तौर पर बड़े पैमाने पर घुसपैठ के कारण झारखंड के आदिवासी समुदाय की दुर्दशा का मुद्दा बार-बार उठाया था।

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