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यहां होंगी कांटे की टक्कर, भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता उतरे चुनावी मैदान

अमेठी। उत्तर प्रदेश के जनपद अमेठी की विधान सभा तिलोई के चुनाव में अमेठी जनपद के कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल के मैदान में आने के बाद तिलोई विधान सभा का चुनाव दिलचस्प हो गया है। फिलहाल अभी तक समाजवादी पार्टी ने इस विधान सभा सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित नही किया है।

वहीं भाजपा के उम्मीदवार मयंकेश्वर शरण सिंह की उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही है। समाजवादी पार्टी द्वारा अभी तक अपना प्रत्याशी इस सीट पर नही उतारा गया है। वहीं प्रदीप सिंघल वर्षों से कांग्रेस पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं उन्होंने समूची अमेठी जनपद में कांग्रेस को एकजुट करने में ही परिश्रम किया है तिलोई विधान सभा उनका ग्रह निवास है तो तिलोई विधान सभा का विशेष ध्यान रखना उनकी मजबूरी भी है।

प्रदीप सिंघल कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जनता के बीच रहकर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जनता की सेवा में दिन रात लगे रहे । राशन से लेकर साबुन सेनेटाइजर मास्क सब कुछ जनता में वितरित किया। अगर देखा जाए तो तिलोई विधान सभा प्रदीप सिंघल का कार्य क्षेत्र रहा है । तिलोई विधान सभा को क्षेत्रीय लोग प्रदीप सिंघल का गढ़ भी बताते हैं। उनका राजनीतिक उदय तिलोई विधान सभा से ही हुआ है। इस लिए तिलोई विधान सभा में प्रदीप सिंघल को अपनी पहचान बताने की आवश्यकता नही है। यही कारण है कि तिलोई में प्रदीप सिंघल की पैठ बहुत ही मजबूत मानी जा रही है। और हर वर्ग का साथ भी उनको मिल रहा है।

जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव हारने के बाद योगेन्द्र मिश्र ने अमेठी कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था। इस अवस्था में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदीप सिंघल को अमेठी का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। और प्रदीप सिंघल ने हताश कांग्रेसियों में नई ऊर्जा का संचरण करते हुए बहुत परिश्रम किया है। इसी का परिणाम है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी द्वारा प्रदीप सिंघल को तिलोई विधान सभा से प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा गया है। वहीं मयंकेश्वर शरण सिंह तिलोई राजघराने से हैं और भाजपा से कई बार विधायक भी चुने जा चुके हैं जनता उनमें अपना विश्वास रखती है। भाजपा के परंपरागत वोट उनके साथ रहेंगे।

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फिलहाल तिलोई विधान सभा में भाजपा प्रत्याशी मयंकेश्वर शरण सिंह की सीधे टक्कर कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप सिंघल से होगी। वहीं अमेठी की सांसद व केंद्रीय मन्त्री स्मृति ईरानी के सांसद चुने जाने के बाद अमेठी जनपद के सभी विधायकों ने अमेठी के विकास का जिम्मा सांसद व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर छोंड़ दिया और अपने क्षेत्र के विकास पर किसी भी भाजपा विधायक ने ध्यान नही दिया। यहां तक विधायक जी आम जनता की पहुंच से भी बाहर हो गए। इसी का नतीजा है कि आज तिलोई विधान सभा की दर्जनों सड़के आज भी अपनी बदहाली पर आंशू बहा रही हैं। जिसके चलते आज भी विधान सभा तिलोई विकास से कोसों दूर नजर आ रही है।

आपको बता दें कि जहां एक और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दिग्गज समर्थक मैदान में हैं तो वहीं दूसरी तरफ स्मृति ईरानी के योद्धा भी कमर कस चुके हैं। वहीं राजनैतिक विशेषज्ञयों का कहना है कि चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाता है। लेकिन तिलोई विधान सभा में यह चुनाव दो दिग्गजों के बीच में है । और दोनों ही दिग्गजों ने अपने आने योद्धा मैदान में उतार चुके हैं अब देखना यह है कि आगामी 2022 के विधान सभा चुनाव में जीत का सहरा किसके सर पर बंधेगा।

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