इलाहाबाद हाईकोर्ट से भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
जस्टिस सुनीत कुमार की एकलपीठ ने मणिलाल पाटीदार के अधिवक्ता और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम आशुतोष कुमार संड की दलीलों को सुनकर ये आदेश दिया है।
भ्रष्टाचार के आरोपी महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका,अग्रिम जमानत अर्जी की खारिज pic.twitter.com/W3Kug7afmz
— 24GhanteOnline (@24ghanteonline) December 3, 2020
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि भगोड़े आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया है और उसके खिलाफ एनबीडब्लू भी जारी है। कोर्ट ने महोबा के पूर्व एसपी के खिलाफ आरोपों को गम्भीर मानते हुए कहा है कि ऐसे में वह जमानत का हकदार नहीं है और कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
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गौरतलब है कि महोबा के निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ पीपी पांडेय इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के डायरेक्टर नितीश कुमार ने महोबा कोतवाली में एक एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार, तत्कालीन थानाध्यक्ष खरेला राजू सिंह और चरखारी के तत्कालीन इंस्पेक्टर राकेश कुमार सरोज पर मिलकर उसकी गाड़ियां नहीं चलने देने का आरोप है। एफआईआर में आरोप है कि उसकी कंपनी ट्रकों से गिट्टी सप्लाई का काम करती है और इस काम के लिए उससे दो लाख रुपये प्रतिमाह एसपी को देने की मांग की जा रही है। ऐसा न करने पर उसके दर्जनों ट्रक सीज कर दिए गए। जबकि ट्रकों के सभी कागजात सही थे और वे ओवरलोड भी नहीं थे।
इस मामले में खनन कारोबारी इंद्र कांत तिवारी ने एक वीडियो जारी कर महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार पर अपनी हत्या की आशंका जतायी थी। इसके दूसरे दिन ही संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से इंद्रकांत तिवारी अपनी कार में मृत पाये गए थे। व्यापारी की मौत के बाद ये मामला हत्या में बदल गया है। इसके बाद ही गिरफ्तारी से बचने के लिए महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार फरार चल रहे हैं।