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हाई कोर्ट : छात्रों से न्यूनतम 70 फीसदी उपस्थिति की उम्मीद करना होगा अनुचित

नई दिल्ली| हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि डीयू में जब पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित अवधि में कक्षाओं को संचालन नहीं किया गया तो छात्रों से न्यूनतम 70 फीसदी उपस्थिति की उम्मीद करना अनुचित होगा। न्यायालय ने कक्षा में कम उपस्थिति की वजह से छात्र को परीक्षा में शामिल होने से रोकने के मामले में यह मौखिक टिप्पणी की है।

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मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि डीयू छात्रों के परीक्षा में शामिल होने के लिए कक्षा में न्यूनतम 70 फीसदी उपस्थिति की उम्मीद नहीं कर सकता है, यदि उसने पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित पूरी अवधि में कक्षाओं का संचालन नहीं किया है।

एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में 70 फीसदी न्यूनतम उपस्थिति के नियमों का पालन किया जाना जरूरी है।

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याचिका में छात्र ने कहा है कि वह लगातार अपनी बीमारी की वजह से कक्षा में उपस्थित नहीं हो पाया। वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को पीठ ने कहा कि इस तरह के मामले के समुचित समाधान के लिए एक तंत्र होने चाहिए। साथ ही सभी पक्षों को मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर से पहले जवाब देने का निर्देश दिया।

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