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राजद्रोह मामले में दो आरोपियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक

हाईकोर्ट ने राजद्रोह के दो आरोपियों को फौरी राहत दी है। कोर्ट ने राजद्रोह के आरोपियों अहमद अली और सुहेबुर रहमान की गिरफ्तारी पर पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने याचियों को विवेचना में सहयोग देने का भी निर्देश दिया है। हांलाकि हाईकोर्ट ने प्राथमिकी रद्द करने से इंकार कर दिया है।

गौरतलब है कि प्रयागराज के करेली थाने में अहमद अली और सुहेबुर रहमान के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था। इन पर सीएए और एनआरसी के विरोध में मंसूरपार्क में धरना दे रही महिलाओं के समर्थन में 6 मार्च 2020 को संविधान विरोधी पर्चे बांटने का आरोप लगा था। इस मामले में एसओ करेली ने धारा 124 ए व 153 बी आईपीसी में एफआईआर दर्ज कराई थी। अहमद अली अटाला मस्जिद के पेश इमाम हैं और सुहेबुर रहमान व्यापारी हैं।

जस्टिस बच्चू लाल और जस्टिस सुभाष चंद्र शर्मा की डिवीजन बेंच ने ये आदेश दिया है। इसी मामले में करेलाबाग वार्ड से पार्षद फजल खान को भी आरोपी बनाकर जेल भेजा गया था, जिन्हें 6 माह बाद हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।

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आरोपियों के वकील एसए नसीम ने कहा कि कोर्ट ने चार्जशीट दायर होने तक अहमद अली और सुहेबुर रहमान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। आरोपियों को जांच में पुलिस को सहयोग करने का भी आदेश दिया गया है। हालांकि कोर्ट ने इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया।

वकील के मुताबिक पार्षद फजल खान की गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ में अहमद अली और सुहेबुर रहमान का नाम सामने आया था। जिसके बाद इनलोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

हाईकोर्ट ने राजद्रोह के दो आरोपियों को फौरी राहत दी है। कोर्ट ने राजद्रोह के आरोपियों अहमद अली और सुहेबुर रहमान की गिरफ्तारी पर पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने याचियों को विवेचना में सहयोग देने का भी निर्देश दिया है। हांलाकि हाईकोर्ट ने प्राथमिकी रद्द करने से इंकार कर दिया है।

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गौरतलब है कि प्रयागराज के करेली थाने में अहमद अली और सुहेबुर रहमान के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था। इन पर सीएए और एनआरसी के विरोध में मंसूरपार्क में धरना दे रही महिलाओं के समर्थन में 6 मार्च 2020 को संविधान विरोधी पर्चे बांटने का आरोप लगा था। इस मामले में एसओ करेली ने धारा 124 ए व 153 बी आईपीसी में एफआईआर दर्ज कराई थी. अहमद अली अटाला मस्जिद के पेश इमाम हैं और सुहेबुर रहमान व्यापारी हैं।

जस्टिस बच्चू लाल और जस्टिस सुभाष चंद्र शर्मा की डिवीजन बेंच ने ये आदेश दिया है। इसी मामले में करेलाबाग वार्ड से पार्षद फजल खान को भी आरोपी बनाकर जेल भेजा गया था, जिन्हें 6 माह बाद हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।

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आरोपियों के वकील एसए नसीम ने कहा कि कोर्ट ने चार्जशीट दायर होने तक अहमद अली और सुहेबुर रहमान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। आरोपियों को जांच में पुलिस को सहयोग करने का भी आदेश दिया गया है। हालांकि कोर्ट ने इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया।

वकील के मुताबिक पार्षद फजल खान की गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ में अहमद अली और सुहेबुर रहमान का नाम सामने आया था। जिसके बाद इनलोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

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