कानपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) और अन्य आरोपियों को रेप और अपहरण के मामले में बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने महिला का अपहरण कर साथियों के साथ नौ दिन दुराचार के आरोप से मुक्त करने के निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर कर दिया है।
साथ ही लोअर कोर्ट के आरोपियों को आरोप मुक्त करने के आदेश की वैद्धता को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका भी खारिज कर दी है।
गौरतलब है कि महिला ने साक्षी महाराज और उसके साथियों पर अपहरण कर सामूहिक दुराचार का आरोप लगाया था और एटा कोतवाली में इसकी एफआईआर लिखाई थी। इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। वहीं, साक्षी महाराज और इस मामले में आरोपी बनाए गए लोगों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है।
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26 नवंबर 2001 को पारित कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जांच के दौरान आरोपों की पुष्टि नहीं हुई थी। सरकारी वकील का कहना था कि पीड़िता का हलफनामा और उसके बयान अलग अलग हैं और संभव है कि ये हलफनामा दबाव डालकर दिया गया है।
सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि किसी गवाह ने साक्षी का नाम नहीं लिया, जबकि आरोप साक्षी और उनके साथियों पर है, लेकिन सीओ की जांच में आरोप सही नहीं पाए गए। कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी। मामले की सुनवाई जस्टिस शमीम अहमद की पीठ ने की।