नई दिल्ली। देश की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवाक्सिन(Covaxin) का फिलहाल अलग-अलग राज्यों में मानव ट्रायल चल रहा है। हरियाणा के रोहतक के मेडिकल साइंसेज के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (पीजीआई) में कोवाक्सिन के मानव ट्रायल के पहले चरण का पहला हिस्सा पूरा कर लिया गया है। अब यहां दूसरे हिस्से की तैयारी शुरू हो गई है।
शनिवार को पहले चरण के दूसरे भाग के तहत छह लोगों को टीका लगाया गया। एएनआई से बात करते हुए वैक्सीन ट्रायल टीम की मुख्य जांचकर्ता डॉ सविता वर्मा ने कहा कि वैक्सीन के ट्रायल के पहले चरण का पहला हिस्सा पूरा कर लिया गया है। पूरे भारत में 50 लोगों को टीका दिया गया था और परिणाम उत्साहजनक थे।
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दिल्ली एम्स में पहले चरण का ट्रायल जारी
आइसीएमआर और भारत बायोटेक के सहयोग से बनी देश की पहली कोरोना वैक्सीन का मानव ट्रायल दिल्ली के एम्स में चल रहा है। दिल्ली के एम्स में फिलहाल वैक्सीन के पहले चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। मानव ट्रायल शुरू होने के दूसरे दिन शनिवार को पांच लोगों को कोरोना टीका लगाया गया। एम्स में पहले चरण में 100 लोगों पर टीके का ट्रायल होना है। शुक्रवार को ट्रायल शुरू होने पर एक 30 वर्षीय युवक को टीका लगाया गया था। इस तरह अब तक छह लोगों को टीका लगाया जा चुका है।
पटना के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में 16 जुलाई को कोरोना वायरस से बचाव के लिए तैयार वैक्सीन (CoronaVirus Vaccine) का मानव परीक्षण (Human Trial) शुरू हो गया है। इसके लिए एम्स के पांच कर्मियों सहित 20 मरीज कोरोना योद्धा के रूप में आगे आए हैं। मानव परीक्षण के परिणाम अगले 194 दिनों की अवधि में सामने आएंगे।
गोरखपुर में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की तैयारी शुरू हो गई है। भारत बायोटेक और आईसीएमआर के सहयोग की ओर से वैक्सीन जल्द भेजे जाने को लेकर मिली सहमति के बाद राणा अस्पताल ने वालंटियर तलाशना शुरू कर दिया है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक अधिकतम पांच दिन में ट्रॉयल के लिए वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस साल के आखिर तक टीका विकसित कर लेने की उम्मीद जताई है। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अडार पूनावाला ने कहा कि अभी हम एस्ट्राजेनेका(AstraZeneca) ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। इसका तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है।
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अगस्त, 2020 में भारत में भी इसका ट्रायल शुरू किया जाएगा। मौजूदा नतीजों के आधार पर हमें उम्मीद है कि इस साल के अंत तक यह टीका उपलब्ध हो जाएगा।’ पसीरम इंस्टीट्यूट अमेरिका की बायोटेक फर्म कोडाजेनिक्स के साथ मिलकर भी एक टीके पर काम कर रही है। यह टीका अपने प्री-क्लीनिकल ट्रायल के चरण में है।
सात भारतीय फार्मा कंपनियां इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटी हैं। इनमें भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट, जायडस कैडिला, पेनेसिया बायोटेक, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स, मिनवैक्स और बायोलॉजिकल ई शामिल हैं।