नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की पहल पर इजरायल और UAE के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ है। यूएई में इजरायल का दूतावास खुलेगा। साथ ही यूएई भी इजरायल में अपना दूतावास खोलेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। यूएई और इजरायल के बीच डिप्लोमेटिक संबंध शुरू हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा साझा किए गए संयुक्त बयान के अनुसार, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और आबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जाएद दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने को लेकर राजी हो गए हैं।
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बयान में कहा गया है कि ये कदम मीडिल ईस्ट में शांति स्थापित करेगा। बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के डेलीगेशन द्विपक्षीय समझौतों को लेकर आने वाले समय में बैठकें करेंगे। इन बैठकों में व्यापार, निवेश, टूरिज्म, फ्लाइट्स, सुरक्षा, टेलिकम्यूनिकेशन, हेल्थकेयर सहित कई क्षेत्रों पर बातचीत होगी।
अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने इजरायल और युनाइटेड अरब अमीरात (UAE) के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशंस के शुरू होने का ऐलान किया है, यानी दोनों मुल्कों के बीच कूटनीतिक रिश्ते शुरू होंगे। दोनों देशों के बीच एंबेसी खुलेंगी। डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि आज हमारे दो मित्र देशों के बीच हिस्टोरिक पीस एग्रीमेंट हुआ है। ये बहुत बड़ी बात है। इस खबर को UAE के क्राउन प्रिंस शेख Mohamed bin Zayed Al Nahyan और इजरायल के प्राइम मिनिस्टर बेंजामिन नेतनयाहू ने भी कंफर्म किया। दोनों लीडर्स ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस नए बाइलैट्रल एग्रीमेंट और रिलेशन का जिक्र किया।
इजरायल के अरब मुल्कों के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं। खासकर फिलिस्तीन को लेकर अरब मुल्क लगातार इजरायल का विरोध करते आए हैं। UAE की तरफ से कुछ दिन पहले ये साफ तौर पर कहा भी गया था कि वेस्ट बैंक्स और जॉर्डन वैली पर इजरायल की नीति से अरब देशों के साथ उसके संबंध खराब हुए हैं और अगर इजरायल इन पर कब्जे के केबारे में सोचता है तो इससे हिंसा भड़क सकती है। अमेरिका में मौजूद यूएई के राजदूत की तरफ से भी कहा गया था कि अगर इजरायल इस सोच के साथ आगे बढ़ता है तो फिर इलाके में शांति को नुकसान पहुंचेगा।
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हालांकि, माना जा रहा है कि इसी इश्यू को लेकर अमेरिका ने दोनों देशों के लीडर्स के साथ बातचीत की और फिर बाइलैट्रल रिलेशंस को पूरी तरह नॉर्मल करने पर जोर दिया। आज प्रेसिडेंट ट्रंप ने UAE और इजरायल को लेकर एक ज्वाइंट स्टेटमेंट भी जारी किया, इसमें कहा गया है कि इस ऐतिहासिक एग्रीमेंट से ना सिर्फ दोनों मुल्कों के बीच रिश्ते सामान्य होंगे बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट रीजन में शांति स्थापित करने में भी अहम साबित होगा।
एग्रीमेंट में कहा गया है कि इजरायल-फिलिस्तीन कॉन्फ्लिक्ट के रिसॉल्यूशन के लिए दोनों देश काम करते रहेंगे और इसके साथ ही ये भी तय हुआ है कि मुसलमान अब येरुशलम में मौजूद मस्जिद ए अक्सा में बिना रोक टोक नमाज अदा कर सकेंगे। ये वो मस्जिद हैं जिसे लेकर इजरायल और अरब मुल्कों के बीच काफी लंबा संघर्ष रहा है, वैसे आज ये भी तय हुआ है कि येरूशलाम के दूसरे पवित्र स्थान भी सभी धर्मों के लोगों के लिए खुले रहेंगे।