उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सिख धर्म के इतिहास के बगैर भारत का इतिहास अधूरा है। इस प्रकार के आयोजन केवल सिख समुदाय तक सीमित न रखकर पूरे भारत में मनाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को गुरु नानक देव के 552 वें प्रकाश पर्व पर राजधानी लखनऊ के डीएवी कॉलेज मैदान में हुए विशेष आयोजन में अचानक पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव सिद्धपुरूष थे, पर अपनी सिद्धि का उन्हें कोई अहंकार नहीं था। बाबर को जाबर कहने का साहस उस कालखण्ड में गुरुनानक देव ही कर सकते थे। हम सब को सिख गुरुओं के महान तप, साधना, सिद्धि और देश धर्म के लिए किए गए कार्यो से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी प्रेरणा हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
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वह फूलों से सजे गुरु के विशेष दीवान के समक्ष संगत ने सजदा कर खुशहाली की दुआएं मांगी। लोगों ने एक दूसरे को गुरु पर्व की बधाई दी। इससे पहले लखनऊ गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा, महापौर संयुक्ता भाटिया सहित समाज के लोगों ने सभी को गुरु पर्व की बधाई दी।
उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के उत्सव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। यह उनका स्वागतयोग्य कदम है।