Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

बाहुबली अतीक अहमद के इनामी बेटे उमर की खुलेगी हिस्ट्रीशीट

Ateeq Ahmed

Ateeq Ahmed

प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) का इनामी बेटा उमर जल्द ही हिस्ट्रीशीटर होगा। जिला पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट खोलने की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसके लिए दस्तावेज जुटाने का काम शुरू कर दिया गया है। उमर पर सीबीआई ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है, लेकिन वह तीन साल से केंद्रीय जांच एजेंसी को छका रहा है।

मोहम्मद उमर अतीक का सबसे बड़ा बेटा है। लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाकर पिटाई करने के मामले में उसके खिलाफ दिसंबर 2018 में लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर करीब छह महीने बाद कृष्णा नगर थाने में दर्ज एफआईआर को ही आधार बनाते हुए सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसमें अतीक के साथ ही उसके बेटे उमर, करीबी जफरउल्लाह, फारुख, जकी व गुलाम सरवर समेत 18 लोगों को नामजद किया गया।

काफी तलाश के बाद भी नहीं मिलने पर उमर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराया गया। इसके कुछ दिनों बाद उस पर सीबीआई की ओर से दो लाख का इनाम घोषित किया गया, लेकिन फिर भी वह हाथ नहीं आया। नाम न छापने की शर्त पर एक अफसर ने बताया कि उमर अपहरण कर जेल में पिटाई, रंगदारी समेत कई गंभीर धाराओं में दर्ज मामले का आरोपी है।
उसका पिता अतीक अहमद कुख्यात माफिया है और उसका चाचा अशरफ भी अपराधी है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हिस्ट्रीशीट खोलकर उसकी निगरानी की जाए। सूत्रों का कहना है कि अफसरों के निर्देश पर खुल्दाबाद पुलिस ने इस संबंध में दस्तावेज जुटाने का काम भी शुरू कर दिया है।

उमर के खिलाफ मिले थे फोरेंसिक साक्ष्य

मोहित जायसवाल केस की जांच के दौरान सीबीआई को उमर के खिलाफ फोरेंसिक साक्ष्य मिले थे। सीडीआर और टॉवर लोकेशन से यह पता चला था कि घटना के वक्त उसकी मोबाइल लोकेशन देवरिया जेल के इलाके में ही थी। एक खास बात यह भी रही कि जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किए जाने के दौरान उमर की ओर से उसके वकीलों ने यह बात स्वीकार की थी कि घटना वाले दिन वह परिजनों को साथ लेकर अपने पिता से मिलने देवरिया जेल गया था। लेकिन सीबीआई की ओर से बताया गया था कि उसे जांच के दौरान ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं मिला, जिसमें जेल प्रशासन ने उमर को जेल के भीतर जाने की अनुमति दी हो।

नोएडा से कर रहा था कानून की पढ़ाई

24 साल का उमर नोएडा के एक निजी लॉ कॉलेज का छात्र रहा है। खास बात यह है कि कृष्णा नगर पुलिस की ओर से जो चार्जशीट दाखिल की थी उसमें उसका नाम नहीं था। उसके वकीलों की ओर से कोर्ट में जो जमानत प्रार्थनपत्र दिया गया था, उसमें दावा किया गया था कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। शत्रु संपत्ति घोषित करने के लिए चार की जांच फिर से, अभिरक्षक कार्यालय ने प्रशासन को सूची भेजकर मांगी जांच रिपोर्ट

कानपुर में शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक कार्यालय ने शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया में शामिल 86 संपत्तियों में चार की नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं। जांच में यह बताने को कहा है कि इन संपत्तियों की अवैध बिक्री हुई है या नहीं। अगर हुई है तो कब और कैसे हुई। जिन संपत्तियों की जांच के लिए कहा गया है, वे पाकिस्तानी नागरिक मेराजुद्दीन, जमीलुद्दीन, शाहिद व फजल हलीम की बताई जा रही हैं।

इन संपत्तियों में रहने वाले लोगों की जानकारी, संपत्ति का रकबा और कीमत का ब्योरा मांगा है। जांच के बाद नोटिस देकर खाली कराने और शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ये संपत्तियां फहीमाबाद स्थित मकान नंबर 105/646, 105/647, 105/648, 105/649, 105/650 और 105/651 हैं। वहीं, राजस्व परिषद ने भी शाहिद हलीम की 13 संपत्तियों पर रिपोर्ट मांगी है। इन्हें भी शत्रु संपत्ति में शामिल कर लिया गया है।

सीसामऊ, परेड, चमनगंज की संपत्तियों का भी मांगा ब्यौरा

अभिरक्षक कार्यालय ने सीसामऊ, परेड, चमनगंज में भी कई संपत्तियों की जांच के लिए कहा है। इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित करने के लिए काफी पहले कवायद शुरू हुई लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। 20 जून को अभिरक्षक कार्यालय और प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में ऐसे सभी केस की फिर से जांच का फैसला लिया गया।

ये संपत्तियां भी जांच के दायरे में

सीसामऊ में 12, 13, 14, 17
44/172 नई सड़क पर रोटी वाली गली अहाता
95/96 परेड कानपुर नगर
88/332 चमनगंज
40/105 नवाब साहब का हाता परेड
97/332 तलाक महल
44/84 और 44/415 बकरमंडी नई सड़क
87/93 भन्नानापुरवा

Exit mobile version