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हिजबुल के टॉप कमांडर मेहराजुद्दीन उर्फ उबैद को सुरक्षाबलों ने किया ढेर,

उत्तर कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता मिली है। आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिज्बुल के टॉप कमांडर मेहराजुद्दीन उर्फ उबैद को मार गिराया है। उबैद कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था। वहीं इस मुठभेड़ से सुरक्षाबल ने एक एके, चार मैगजीन बरामद की हैं।

आईजीपी कश्मीर का कहना है कि आतंकी संगठन हिज्बुल के मेहराजुद्दीन को मुठभेड़ में मार गिराया गाय है जो कि बेहद पुराना आतंकी था। वह आतंकवाद से जुड़े अनेक अपराधों में शामिल था। यह एक बड़ी सफलता है। इस ऑपरेशन को हंदवाड़ा पुलिस, 32 आरआर और 92 बीएन सीआरपीएफ ने मिलकर अंजाम दिया है।

जानकारी के अनुसार हंदवाड़ा में पाजीपोरा-रेनान इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने बुधवार सुबह वहां घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

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बता दें कि इस वर्ष की शुरुआत से अभी तक कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों को 66 आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली है। पिछले महीने जून में 11 दहशतगर्द ढेर किए गए थे। सबसे ज्यादा 17 आतंकी अप्रैल के महीने में मारे गए थे।

पुलवामा जिले के राजपोरा इलाके में 15 घंटे से अधिक चली मुठभेड़ में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पांच दहशतगर्दों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया गया। इनमें जिला कमांडर व एक पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे। ऑपरेशन में सेना के एक जवान शहीद जबकि दो अन्य घायल हुए हैं। मुठभेड़ स्थल से हथियार भी बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ शुरू होते ही जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई थीं।

सुरक्षाबलों को एक जुलाई को देर रात राजपोरा के हान्जिन गांव में आतंकियों के एक बड़े दल के छुपे होने की सूचना मिली थी। इस इनपुट के आधार पर एसओजी ने सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ  की 182 और 183 बटालियन के जवानों के साथ मिलकर इलाके की घेराबंदी की। घर-घर तलाशी अभियान चलाया गया।

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इस दौरान एक मकान में छुपे आतंकियों ने जवानों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। जवानों ने मोर्चा संभाला और कई बार आतंकियों को आत्मसमर्पण करने का मौका दिया। उन्होंने हर बार उसे ठुकराया और जवानों पर फायरिंग जारी रखी। इस पर जवानों की जवाबी कार्रवाई से मुठभेड़ शुरू हो गई। गुरुवार रात के वक्त तो कोई आतंकी नहीं मारा गया, लेकिन दो जुलाई को पांच आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली। मुठभेड़ में सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स के हवलदार काशी राव शहीद हुए थे।

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