हिंदू कलैंडर के हिसाब से फाग्लुन माह की शुरुआत हो चुकी है। इस माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार जैसे शिवरात्रि और होली आदी। रंगो का त्योहार होली पूरे देश-भर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व इस साल 14 मार्च को मनाया जाएगा। वहीं इसके आठ दिन पहले होलाष्टक (Holashtak) का पर्व मनाया जाता है। कहते हैं इस दौरान शुभ और मंगल कार्यों को करने की मनाही होती है, क्योकि होलाष्टक को अशुभ मुहूर्त माना जाता है।
कब से शुरू होगा होलाष्टक (Holashtak) ?
हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल होलाष्टक (Holashtak) की शुरुआत 7 मार्च से शुरू होकर 13 मार्च तक यानी होलिका दहन के साथ खत्म होगी। इस दौरान कुछ विशेष शुभ और मंगल कार्य नहीं करने चाहिए।
होलाष्टक (Holashtak) में न करें ये काम
– होलाष्टक (Holashtak) को अशुभ मुहूर्त माना जाता है। ऐसे में इस दौरान शादी, मुंडन, छेदन, बच्चों का नामकरण आदि मांगलिक और शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
– होलाष्टक के दौरान संपत्ति, वाहन, सोना-चांदी आदी खरीदने से बचना चाहिए।
– होलाष्टक में घर नए घर का निर्णाम या नए घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। अगर आप भी घर का निर्माण और ग्रह प्रवेश करना चाहते हैं, तो होलाष्टक के बाद ही करें।
– होलाष्टक के दौरान किसी नए कार्य की शुरुआत या नए कारोबार की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने के काम में रुकावटे आने लगती हैं।
होलाष्टक (Holashtak) का धार्मिक महत्व
होलीष्टक (Holashtak) के दौरान आत्मचिंतन और दान-पुण्य करना अच्छा माना जाता है। इस दौरान किए गए अच्छे कार्य न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करते हैं।इस तरह, होलाष्टक न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह जीवन में संतुलन और पवित्रता बनाए रखने का समय भी है।