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होलिका दहन कब है ? जानें मुहूर्त व पूजन सामग्री

Holika Dahan

holika dahan

इस साल सही समय पर दहन करना महत्वपूर्ण होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाएगा और 14 मार्च को रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है, क्योंकि इस समय किए गए कार्यों का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है।

होलिका दहन (Holika Dahan) का शुभ मुहूर्त:

इस बार होलिका दहन (Holika Dahan) का शुभ मुहूर्त एक घंटा चार मिनट है। उन्होंने बताया कि 13 मार्च की रात्रि 10:35 बजे से पूर्णिमा की तिथि प्रारंभ होगी। जबकि भद्रा की समाप्ति 11:26 बजे होगी। इस हिसाब से होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि के 11:26 बजे के बाद होगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 13 मार्च को शाम को भद्रा की छाया होने के कारण होलिका दहन के शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना होगा।

पूजा विधि

पूजन सामग्री: अक्षत, गंध, गुड़, फूल, माला, रोली, गुलाल, कच्चा सूत, हल्दी, एक लोटे में जल, नारियल, बताशा, गेहूं की बालियां और मूंग आदि।

शास्त्रों के अनुसार, भद्रा काल में किए गए कार्य शुभ फल नहीं देते और इससे अशुभ परिणाम हो सकते हैं। यही कारण है कि इस समय विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। विशेष रूप से होलिका दहन को भद्रा में करने से अनिष्टकारी प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए इसे टालना ही बेहतर माना जाता है।

धार्मिक महत्व:

होलिका दहन (Holika Dahan) बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसार, भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए उसकी बुआ होलिका ने उसे आग में बैठाने का प्रयास किया था, लेकिन विष्णु जी की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई। तभी से यह पर्व हर साल मनाया जाता है।

होलिका दहन (Holika Dahan) से पहले परिवार के बड़े-बुजुर्गों से सही मुहूर्त की जानकारी लें। लकड़ियों और उपलों के साथ होली सजाएं और परंपरागत रूप से पूजा करें। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए हानिकारक सामग्री जैसे डीजल, मोबिल, अलकतरा, पटाखा आदि ज्वलनशील पदार्थ को जलाने से बचें।

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