मेघालय के गृह मंत्री लहकमन रिम्बुई ने पूर्व उग्रवादी के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर शिलॉन्ग में हुई हिंसा के बीच इस्तीफा दे दिया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। वहीं, शिलॉन्ग के जिला मजिस्ट्रेट इसावंदा लालू ने शिलॉन्ग में रविवार रात 8 बजे से पूर्ण कर्फ्यू की घोषणा कर दी क्योंकि शहर के कुछ हिस्सों में कई छिटपुट घटनाओं को लेकर शहर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। अपने आदेश में जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘मामले की गंभीरता को देखते हुए यह आदेश एकतरफा किया गया है और यह 17 अगस्त की सुबह 5 बजे तक या अगले आदेश तक लागू रहेगा।’
प्रशासन ने प्राप्त सूचनाओं के आधार पर कहा कि पथराव, आगजनी और चोरी की घटनाएं हुईं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि शिलॉन्ग शहर के कुछ हिस्सों में कानून-व्यवस्था गंभीर रूप से चरमरा गई है। आदेश में कहा गया है, ‘शांति भंग होने की पूरी संभावना है, जिससे जान-माल का नुकसान होने वाली घटनाएं हो सकती हैं, ऐसी स्थिति में शहर और जिले के अन्य हिस्सों में हिंसा फैलने की संभावना है।’
कर्फ्यू पूरे नगरपालिका क्षेत्र, पूरे छावनी क्षेत्र, जनगणना कस्बों सहित मवलाई ब्लॉक के तहत आने वाले सभी क्षेत्रों, जनगणना कस्बों सहित मावपत ब्लॉक के सभी क्षेत्रों, मैलीम ब्लॉक के अंतर्गत उमशीरपी पुल से 7वीं मील तक ऊपरी शिलांग के क्षेत्रों के साथ ही मदनर्टिंग, मावलेई, लाईतकोर, नोंगकेश, उमलिंग्का, लॉसोहटुन, मावडिआंगडिआंग, डिएंगियोंग और सीजिओंग में लागू किया गया है।
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इस बीच, मेघालय सरकार ने शिलांग के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं के मद्देनजर मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवा को 48 घंटे के लिए निलंबित कर दिया, जो सार्वजनिक शांति को भंग करने के साथ ही सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है और जिससे कानून-व्यवस्था के गंभीर रूप से बिगड़ने की संभावना है।
मेघालय सरकार के सचिव, गृह (पुलिस) विभाग, आईएएस सी.वी.डी. डिएंगदोह ने अपने आदेश में कहा, “… इस अधिसूचना को भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 (11) के तहत लागू करने के साथ ही दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के अंतर्गत मेघालय के 4 (चार) जिलों ईस्ट खासी हिल्स, वेस्ट खासी हिल्स, साउथ वेस्ट खासी हिल्स और री-भोई में 15 अगस्त, 2021 को शाम 06:00 बजे से शुरू होने वाले अगले 48 (अड़तालीस) घंटों के लिए निम्नलिखित प्रकार के मीडिया को प्रतिबंधित किया जाता है।
राज्य सरकार ने एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग सिस्टम और फेसबुक, ट्विटर व यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निलंबित कर दिया है, जिसका इस्तेमाल तस्वीरों, वीडियो और टेक्स्ट के माध्यम से सूचना के प्रसारण के लिए किया जा सकता है और कानून-व्यवस्था के गंभीर रूप से बिगड़ने की संभावना है। मेघालय राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपर्युक्त मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए ऐसा किया गया है। सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं की मोबाइल इंटरनेट या डेटा सेवाओं को चेतावनी दी जाती है कि इस घोषणा का उल्लंघन आईपीसी की धारा 188 के साथ ही भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत भी दंडनीय होगा।