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माननीय बदले, पर नहीं बदली शहर की सूरत

Writer D by Writer D
25/01/2022
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, राजनीति, सीतापुर
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सीतापुर। सूबे में 2022 विधान सभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी राजनैतिक दलों के नेता विपक्ष में सेंधमारी कर दिग्गजों को अपनी ओर करने की जुगत में लगे हुए हैं। यही वजह है कि अब तक प्रमुख दलों द्वारा अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी नहीं की जा सकी है। सूबे की राजधानी से सटे सीतापुर जिले को राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अहम माना जाता हैं।
यहां नैमिषारण्य और मिश्रिख जैसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं, वहीं दूसरी ओर पद्मश्री से सम्मानित डॉ. महेश प्रसाद मेहरे द्वारा स्थापित आंख अस्पताल, प्लाईवुड फैक्ट्री व दरी उद्योग जिले को विश्व पटल पर पहचान दिला चुके हैं। जिले की सदर विधानसभा सीट पर पिछले 70 वर्षों में सबसे ज्यादा समय तक भाजपा के विधायक काबिज रहे हैं, जबकि सपा दूसरे नंबर पर है। इस बार भी भाजपा व समाजवादी पार्टी में ही मुख्य लड़ाई होना तय माना जा रहा है।
हालांकि अभी तक दोनों ने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। वर्ष 1952 के विधान सभा चुनाव में इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर हाकिम बसीर अहमद यहां से पहली बार विधायक चुने गए थे। 1957 में कांग्रेस के टिकट पर ही हरीश चंद्र विधायक बने। इसके बाद 1962 से 1968 तक यह सीट जनसंघ के पास रही। 1969 के चुनाव में श्याम किशोर को कांग्रेस ने चुनाव लड़ाया और वह लगातार दो बार विधायक चुने गए। 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बाद में 1980 में राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की और लगातार पांच बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। राजेंद्र कुमार गुप्ता ने कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्रालय समेत तमाम अहम पद संभाले। 1996 में उनके विजय रथ को समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े राधेश्याम जायसवाल ने रोक दिया और लगातार 2017 तक चार बार विधायक बने रहे।
यहां बताते चलें कि राधेश्याम जायसवाल पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को ही अपना राजनैतिक गुरु मानते थे। 2017 में भाजपा की लहर आई तो सपा के हाथ से यह सीट निकल गई और भाजपा के राकेश राठौर विधायक बने। आज हालात बदल गए हैं और पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल करने वाले राकेश राठौर समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं और टिकट पाने के लिए अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी राधेश्याम जायसवाल से जद्दोजहद कर रहे हैं। इनसेट मुद्दों से इतर होती रही अंतरद्वंद्व की राजनीति सदर विधान सभा क्षेत्र में जिला मुख्यालय शामिल होने के नाते यह सीट और भी अहम हो जाती है। 2017 के विधान चुनाव सदर विधान सभा के मतदाताओं ने भाजपा के राकेश राठौर को विधायक चुना, उम्मीद थी कि विकास को गति मिलेगी। लेकिन पिछले पांच सालों में मुद्दों से इतर राकेश राठौर पार्टी के अंदर चल रही कलह में ही फंसे रहे।
विधायक बनने के बाद इन्होंने सरायन नदी की सफाई का बीड़ा उठाया और निजी खर्च पर कार्य शुरू कराया, लेकिन आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं। सपा सरकार में नेशनल हाईवे पर बने ट्रॉमा सेंटर को शुरू कराने के लिए कई बार पत्राचार किए, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। जिले से लेकर शासन के अधिकारियों एवं पार्टी के नेताओं ने विधायक को तरजीह देना जरूरी नहीं समझा। नतीजतन ये सभी लोग विधायक राकेश राठौर के निशाने पर आ गए। उनके कई आॅडियो वायरल हुए, जिसमें सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी पर तल्ख तेवर में नाराजगी जताई।
2022 आते-आते विधायक भाजपा का दामन छोड़ सपाई हो चले। 2017 से पहले सपा शासन में तत्कालीन विधायक राधेश्याम ने अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके में छात्राओं के लिए डिग्री कॉलेज का निर्माण शुरू कराया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया जा सका। पुराने डीएम आवास के पीछे सरायन नदी पर पुल की दशकों पुरानी मांग आज तक परवान नहीं चढ़ सकी।
प्वाइंटर सदर विधानसभा का इतिहास एक नजर में 1952-57 – हाकिम बसीर अहमद – आईएनसी 1957-62 – हरीश चंद्र – आईएनसी 1962-67 – शारदा नंद – जनसंघ 1967-68 – टी. प्रसाद – जनसंघ 1969-77 – श्याम किशोर – आईएनसी 1977-80 – राजेंद्र प्रसाद गुप्ता – जनता पार्टी 1980-95- राजेंद्र प्रसाद गुप्ता- भारतीय जनता पार्टी 1996-2017- राधेश्याम जायसवाल- समाजवादी पार्टी 2017-22- राकेश राठौर- भारतीय जनता पार्टी
प्वाइंटर 2017 का विधान सभा चुनाव एक नजर में कुल मतदाता- 378839 कुल पड़े मत- 234198 भाजपा- 98850 सपा- 74011 बसपा- 52181 जीत का अंतर – 24839
प्वाइंटर 2022 में मतदाता व बूथों की स्थिति कुल मतदाता – 395416 कुल बढ़े मतदाता- 16577 पुरुष मतदाता – 209055 महिला मतदाता- 186331 अन्य- 30 कुल मतदान केंद्र- 243 कुल मतदान बूथ – 472
Tags: Election 2022elections 2022mathura newsUP Assembly Election 2022up chunav 2022up election 2022up newsचुनावचुनाव 2022विधानसभाविधानसभा चुनाव 2022
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