राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार भले ही कम हो गई हो, लेकिन जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ढिलाई के मूड में नहीं है। ऐसे में अब अधिकारी कोरोना की दूसरी लहर को समझने में हुई भूल को सुधारने में जुट गए हैं और तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
लखनऊ की प्रभारी कोविड अधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने गुरुवार को लोकबंधु अस्पताल के चिकित्साधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने मौजूदा क्षमताओं और आगामी जरूरतों का ब्यौरा मांगा। जिसके बाद चिकित्साधिकारियों ने उन्हें करीब दो तिहाई स्टाफ कम होने की जानकारी दी। चिकित्साधिकारियों ने बताया कि स्टाफ व संसाधन उपलब्ध कराए जाएं तो यहां 300 बेड का कोविड अस्पताल चलाया जा सकता है। जिसके बाद प्रभारी कोविड अधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने अस्पताल प्रशासन को पूरी मदद करने का भरोसा दिया।
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लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी के मुताबिक पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने के लिए जगह चाहिए। अस्पताल परिसर में आशा ज्योति केंद्र को इसके लिए मांगा गया है। क्योंकि यह केंद्र कहीं अन्य जगह भी चलाया जा सकता है। पीआईसीयू चलाने के लिए भी अलग से टेक्नीशियन मांगे गए हैं। कोरोना का संक्रमण घटने के साथ अस्पतालों में भी कोविड मरीज घटने लगे हैं। 190 बेड वाले लोकबंधु अस्पताल में इस दौरान करीब 125 बेड खाली हो गए हैं।
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लापरवाही पर वापस भेजे गए डॉक्टर व टेक्नीशियनकोविड ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. अरुण लाल ने दूसरे जनपदों से आए तीन डॉक्टरों व एक ओटी टेक्नीशियन की अपने अस्पताल से सेवा समाप्त कर दी है। इसके बाद उन्हें उनके पूर्व स्थानों पर वापस कर दिया गया है। आरोप है कि यह सभी ड्यूटी में लापरवाही बरत रहे थे। मरीजों की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई।